भारत संस्कृति यात्रा के विश्वव्यापी सांगीतिक सफर का आगाज रविवार को काशी से हुआ। संस्कृति मंत्रालय की ओर से पांच देशों के 25 शहरों में होने वाले 35 आयोजनों की पहली कड़ी नागरी नाटक मंडली में आयोजित की गई। इसका मुख्य आकर्षण वाशिंगटन निवासिनी एनआरआई पियाली विश्वास डे का भरतनाट्यम नृत्य रहा।
निशा का दूसरा प्रमुख आकर्षण पं. तरुण भट्टाचार्य के संतूर और पं. रोनू मजूमदार के बांसुरी की जुगलबंदी रही। दोनों ही कलाकारों ने अपनी-अपनी विधा की दो धाराओं को एक में समाहित कर दिया। इनके साथ तबले पर पं. रामकुमार मिश्र ने संगत की।
इससे पूर्व पं. रोनू मजुमदार ने एकल बांसुरी वादन करते हुए राग यमन की अवतारणा की।पूरे दस महीने चलने वाले भारत संस्कृति यात्रा का समापन भी काशी में ही होगा। विश्व के 300 से अधिक कलाकारों की प्रस्तुति के बाद 30 दिसंबर को काशी में विराम लगेगा।