चैत्र नवरात्र की चतुर्थी तिथि पर माँ कुष्मांडा का भक्तों ने किया दर्शन, मंदिर परिक्षेत्र में लगी लंबी कतार

नवरात्रि के आज चौथे दिन देवी कुष्मांडा के दरबार में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्त भोर से ही माता के दर्शन के लिए लाइन में लगे हैं। लोगों ने दुर्गाकुंड स्थित प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर में विधि-विधान से दर्शन-पूजन कर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान मंदिर व पुलिस प्रशासन अलर्ट दिखाई दिया। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। मंदिर के पुजारी सोनू ने बताया कि आज चौथे दिन माता का स्वर्ण श्रृंगार हुआ है। मां कुष्मांडा का रोज अलग-अलग चीजों से श्रृंगार होता है। वहीं उन्होंने बताया कि यहां हर व्यक्ति अपनी पत्नी, मां और बच्चों को लेकर आता है। यहां पर संतानोपत्ति का भी आशीर्वाद मिलता है। 

माता के दरबार में सुबह से ही भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भक्त माता के दर्शन के लिए कतार बद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। यहां पर भक्तों को सुलभ दर्शन हो सके इसके लिए पूरी व्यवस्था की गई है।

काशी खंड में मंदिर का उल्लेख 

पौराणिक मान्यता है कि जब सृष्टि नहीं थी तो तब देवी भगवती के कुष्मांडा स्वरूप ने ही सृष्टि का विस्तार किया था। देवी कुष्मांडा प्रकृति और पर्यावरण की अधिष्ठात्री है। कुष्मांडा देवी की आराधना के बगैर जप और ध्यान पूरा नहीं माना जाता है। दुर्गा माता मंदिर का उल्लेख 'काशी खंड' में भी है। लाल पत्थरों से नागर शैली में बने इस मंदिर के एक तरफ दुर्गाकुंड है। मंदिर के समीप ही बाबा भैरोनाथ और लक्ष्मी, सरस्वती व मां काली की मूर्तियां स्थापित हैं। इस मंदिर के अंदर एक विशाल हवन कुंड है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार 17वीं शताब्दी में रानी भवानी ने कराया था।


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