गंगा दशहरा पर काशी के गंगा घाट पर हुए विविध अनुष्ठान, गंगा सेवा निधि और गंगोत्री सेवा समिति ने जगाई गंगा निर्मलीकरण और जल संरक्षण की अलख

गंगा सेवा निधि द्वारा गंगाजल निर्मलीकरण जन जागरूकता अभियान के अन्तर्गत भव्य गंगा दशहरा महोत्सव का आयोजन किया गया। देश विदेश से आये असंख्य श्रद्धालु और पर्यटकों को स्वच्छ गंगा, निर्मल गंगा व अविरल गंगा का संकल्प दिलाकर गंगा दशहरा का शुभारम्भ किया गया। संस्थापक स्मृतिशेष स्व0 पं0 सत्येन्द्र मिश्र के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। संस्था के सदस्य सुशान्त मिश्र एवं श्याम लाल सिंह द्वारा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अशोक तिवारी, महापौर, वाराणसी नगर निगम, वाराणसी, रविन्द्र जायसवाल राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे। कार्यक्रम अध्यक्ष पीयूष अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी मण्डल का स्वागत संस्थापक अध्यक्ष सुशान्त मिश्र एवं श्याम लाल सिंह द्वारा किया गया । 

गंगा सेवा निधि के 11 अर्चको द्वारा भगवती माँ गंगा का वैदिक रीति से पूजन कराया गया। इसी क्रम में संस्था के 11 अर्चको एवं रिद्धी-सिद्धी के रूप में 22 देव कन्याओं द्वारा भव्य भगवती माँ गंगा की महाआरती का आयोजन किया गया। 30 कुन्टल फूल-मालाओं एवं 11,001 दीपों से दशाश्वमेध घाट को भव्य रूप से सजाया गया व घाटों पर फैली दीपों की रोशनी देश-विदेश से आये हजारों सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बनी रही। साथ ही 51 लीटर दूध से मां गंगा का अभिषेक किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रारम्भ माँ गंगा की अवतरण पर प्रस्तुती, कथक  रूद्रशंकर मिश्र, सुनिधि पाठक, विदुषि जायसवाल, श्रेया भट्टाचार्या, आलि प्रकाश एवं समीक्षा तिवारी द्वारा प्रस्तुत किया गया सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन अंजना झा द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन सुरजीत कुमार सिंह, सचिव ने किया।इसी क्रम में मां गंगा के अवतरण पर काशी के गंगा तट पर गंगा दशहरा के मौके पर साक्षात देवलोक उतर आया। दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति के तत्वधान में जैसे ही देवी सुरेश्वरी भगवती गंगे... की धुन शुरू हुई श्रद्धालु भी मगन होकर झूम उठे। लोबान, कपूर और गुगुल की सुवास के बीच अर्चक मां गंगा की आरती उतार रहे थे वहीं दूसरी ओर रिद्धि सिद्धि स्वरूपा कन्याएं चंवर डुला रही थीं। 

मां गंगा का षोडशोपचार पूजन और 51 लीटर दूध से दुग्धाभिषेक कर भारत के लिए सुख और समृद्धि की कामना की गई। देश विदेश से आये श्रद्धालु और पर्यटकों को स्वच्छ गंगा, निर्मल गंगा व अविरल गंगा का संकल्प दिलाकर गंगा दशहरा का शुभारम्भ हुआ। मां गंगा की अष्टधातु की प्रतिमा की विशेष फूलों से सजावट हुई। 

गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पं० किशोरी रमण दुबे के संयोजन में मां गंगा की महा आरती के दौरान सभी ने आत्मनिर्भर भारत की कामना की। पुण्य सलिला मां गंगा के तट पर सर्वप्रथम 11 वैदिक ब्राह्मण द्वारा पं० सीताराम पाठक के आचार्यत्व में मंगलाचरण के पश्चात गंगा की महाआरती की। बतौर मुख्य अतिथि भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष संजय सिंह बबलू ने भी आरती की। गंगा की महाआरती के पश्चात दशाश्वमेध घाट पर भक्तजन संगीत की सरिता में सराबोर हो गए। 

सांस्कृतिक संध्या के संयोजक कन्हैया दुबे की अगुवाई में डॉ अमलेश शुक्ला, स्नेहा अवस्थी एवं अन्य कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुति से मां गंगे का गुणगान किया। कार्यक्रम का संचालन नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने किया और सभी को स्वच्छता की शपथ दिलाई। आयोजन में मुख्य रूप से गंगोत्री सेवा समिति के संरक्षक गंगेश्वर धर दुबे, कन्हैया त्रिपाठी, शांतिलाल जैन, सचिव पं० दिनेश शंकर दुबे, संकठा प्रसाद, संजय यादव उपस्थित रहे। 

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