काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्रों ने डेयरी फार्म, प्रिंटिंग प्रेस और एयरोड्रम को बंद करने की रिपोर्ट के विरोध में शुक्रवार को बिरला ब छात्रावास में एक बैठक की। इस दौरान छात्र नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि महामना पंडित मदनमोहन मालवीय ने बीएचयू की स्थापना लोक कल्याण की भावना से की थी। वर्तमान कुलपति द्वारा उठाए गए कदम महामना के मूल्यों के प्रतिकूल हैं। गोशाला लोक भावना से जुड़ी है और इसका संरक्षण मालवीय मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक है।
तानाशाही प्रवृत्ति के विरुद्ध एक विराट आंदोलन की योजना बनाई जा रही है और कुलपति को मालवीय जी के मूल्यों के अनुरूप कार्य करने की सलाह दी गई।छात्र नेता अभिषेक सिंह काली ने कहा कि पुरानी व्यवस्थाएं मालवीय जी के निर्देशन में शुरू की गई थीं और वे लोक हितकारी एवं जनकल्याणकारी थीं। गौशाला सहित इन उपक्रमों को बंद करना मधुशाला चलाने जैसी मानसिकता को दर्शाता है, जो उचित नहीं है। विश्वविद्यालय कोई बाजार नहीं है, जहां केवल वित्तीय लाभ को अहमियत दी जाए और गौशाला एवं गौ संरक्षण को बंद किया जाए। छात्रों ने कहा कि हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि कुलपति को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।