कोलकाता रेप एंड मर्डर केस को लेकर बीएचयू के रेजिडेंट डॉक्टरों में खासी नाराजगी है। इस घटना से नाराज आईएमएस बीएचयू के जूनियर डॉक्टरों ने दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रखा हैं। इस हड़ताल के कारण पूर्वांचल सहित बिहार से आने वाले हजारों मरीजों की मुश्किल बढ़ गई है। हड़ताल का असर यह रहा कि मंगलवार को महज 64 मरीजों को भर्ती किया गया।
धरने के दूसरे दिन हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों से डायरेक्टर एस.एन.शंखवाल ने मुलाकात कर धरना समाप्त करने की बात कही। उन्होंने छात्रों के मांग पर विचार करने की बात कही। वही जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जबतक हमें हमारे सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलेगी तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा। सभी ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया।
डॉक्टर रजनीश ने बताया कि हमारी मांग है कि अस्पतालों में सुरक्षा के लिए बेहतर इंतजाम हो और हर जगह गार्ड की तैनाती की जाए। इसके अलावा अस्पताल का हर कोना सीसीटीवी से लैस हो और जिन महिला रेजिडेंट डॉक्टर की नाइट ड्यूटी हो उनके सुरक्षा के लिए भी बेहतर इंतजाम किए जाए।ओपीडी के अलावा इमरजेंसी वार्ड में सिक्योरिटी बढ़ाई जाए।बीएचयू अस्पताल में हर दिन यूपी, बिहार समेत झारखंड के कई जिलों से हजारों मरीज आते हैं। ऐसे में ओपीडी सहित अन्य सेवाएं प्रभावित है। इससे सुंदरलाल अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज बेहाल हो उठे। रात के 9 बजे तक OPD में 150 वेटिंग रही और सुबह 9 बजे से आए सीनियर डॉक्टर देर रात तक मरीज देखते रहे।