बीएचयू केंद्रीय कार्यालय का एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने घेराव कर किया प्रदर्शन, प्रॉक्टीरियल बोर्ड और छात्रों के बीच हुई जमकर धक्का मुक्की

 बीएचयू के केन्द्रीय कार्यालय पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने घेराव करके जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों एवं प्राक्टोरियल बोर्ड के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई। प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम ने कार्यालय के गेट पर बैठने के लिए रोक दिया। और एक छात्र पर 5 प्राक्टोरियल बोर्ड के सदस्य हावी हो गये और उन्हे गेट तक नहीं जाने दिया जा रहा हैं। धरना दे रहे छात्रों ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में व्याप्त प्रशासनिक अराजकता, IOE फंड का दुरूपयोग, प्रवेश अनियमितता, शैक्षणिक गतिविधियों में लापरवाही एवं विद्यार्थियों के अपराधीकरण के विरोध को लेकर जमकर नारेबाजी कर रहे हैं।



पुनीत मिश्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय में हो रही दिन प्रतिदिन अनीयताओं को लेकर हम सभी ने कुलपति को ज्ञापन देने के लिए केंद्रीय कार्यालय पहुंचे थे लेकिन हमें मुख्य गेट पर ही रोक दिया गया और हमें अंदर नहीं जाने दिया गया हमारे कई साथियों को चोट आई है और कुछ के कुर्ते फाड़ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में लगातार भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने कहा कि अगर छात्र अपनी आवाज उठाते हैं तो उन पर एफआईआर दर्ज कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस समय परिसर में प्राइवेट बस चलवाया जा रहा है जो सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है। 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इकाई मंत्री भाष्करादित्य त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय में फंड का दुरुपयोग हो रहा है छात्रों को सही सुविधा नहीं मिल रही हैं ऐसे कुल 19 मुद्दों को लेकर आज हम कुलपति को ज्ञापन देने पहुंचे थे। लेकिन यहां दर्जनों की संख्या में फैक्टोरियल बोर्ड की टीम हमारे साथियों को घसीट रही है और हमें कुलपति से मिलने नहीं दिया जा रहा है।

विश्वविद्यालय में व्याप्त विभिन्न प्रकार की अनियमिताओं पर आपका ध्यान आकृष्ट कराकर उनके शीघ्र समाधान की मांग करती है -

1. सर सुंदर लाल अस्पताल में छात्रों के लिए 12-1 बजे तक OPD का समय निर्धारित है। इस समय पर कक्षायें चलने के कारण अनेकों छात्र चिकित्सीय सुविधा से वंचित रह जाते हैं एवं इसी समय अधिकांश छात्रों के OPD में पहुंचने के कारण भी अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती है अतः OPD की सुविधा को छात्रों के लिए पूर्व की भांति पूरे दिन के लिए बहाल की जाए जिससे विद्यार्थी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकें।

2. कई संकायों में लगातार कक्षाएं होने के कारण छात्र दोपहर के भोजन से वंचित रह जाते हैं अतः सभी संकायों में दोपहर के भोजन हेतु एक घंटे का अंतराल निश्चित होना चाहिए जिससे छात्र दोपहर के भोजन से वंचित न रहें।

3. संकायों एवं छात्रावासों में बंद पड़े साइकिल स्टैंड को चालू किया जाए, साइकिल स्टैंड के ऊपर टिन शेड की भी व्यवस्था की जाय जिससे बारिश और धूप से साइकिल एवं वाहन सुरक्षित रहें साथ ही साथ आए दिन होने वाली साइकिल चोरी की घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत की जाए ।

4. परिसर में सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों की संख्या में वृद्धि की जाए जिससे परिसर में आने वाली महिलाओं और दिव्यांग और बुजुर्गों को असुविधा का सामना न करना पड़े।

5. IOE के अन्तर्गत विश्वविद्यालय को प्राप्त धन के व्यय का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाय एवं उसकी स्वतंत्र रूप से जांच कराई जाए ।

6. किराए की बस संचालित करने के स्थान पर विश्वविद्यालय खुद की बस का संचालन कराए जिससे परिसर एवं बस में विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिधित हो सके और परिसर के पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रॉनिक बस के संचालन को बढ़ावा दिया जाए ।

7. छात्रों पर तानाशाही पूर्ण रवैये के तहत सामान्य मामलों में भी मुकदमा दर्ज कर देने एवं परिसर में बढ़ते पुलिसिया हस्तक्षेप को कम किया जाए । प्रशासन द्वारा छात्रों का अपराधीकरण करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जाए एवं फर्जी मुकदमों को वापस लिया जाए।

8. मनमाने ढंग से सलाहकारों की नियुक्ति कर IOE के पैसे के दुरुपयोग की स्वतंत्र रूप से जांच की जाए ।

9. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विभिन्न विभागों के पाठ्यक्रम को लागू करने से पहले सार्वजनिक किया जाए एवं उससे संबंधित छात्रों की राय पर भी अमल किया जाए जिससे पाठ्यक्रम एकांगी न रहें।

10. दिव्यांग छात्रों हेतु सभी भवनों में रैप एवं पृथक शौचालय की व्यवस्था की जाए जिससे उन्हें असुविधा का सामना न करना पड़े।

11. छात्रावास में बिना किसी कारण के प्रत्येक विद्यार्थी से हजार 2000 रुपए लिए जा रहे हैं जिसकी कोई रसीद नहीं दी जा रही है इसे तुरंत बंद किया जाए व जिन छात्रों से इस प्रकार पैसे लिए गए हैं उनको वापस किया जाए।

12. कई छात्रावास में 25 दिन मेस में भोजन न करने पर छात्रावास से निष्कासित करने का फरमान जारी किया गया है इस तानाशाही फरमान को शीघ्र वापस लिया जाए।

13. विश्वविद्यालय के कई छात्रावासों के प्रशासनिक संरक्षक पिछले कई वर्षों से जमे हुए हैं जिसके कारण छात्रावास में तानाशाही रवैया चल रहा है अतः ऐसे सभी संरक्षकों को चिन्हित कर उनका स्थानांतरण किया जाए।

14. दिसंबर में होने वाले दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों के नाम के आगे से सम्मानजनक शब्दों यथा श्री श्रीमती आदि शब्दों को हटाया जाना विश्वविद्यालय की परंपरा के खिलाफ है अतः इस तुगलकी फरमान को शीघ्र वापस लिया जाए।

15. शोध में प्रवेश हेतु अधिसूचना शीघ्र जारी की जाए जिससे शोध प्रवेश प्रक्रिया अविलंब पूर्ण हो सके ।

16. अनेक संकायों के विद्यार्थी टैबलेट योजना हेतु फॉर्म भरने के बाद भी त्रुटि के कारण टैबलेट हेतु अपात्र हो गए है अतः ऐसी सभी विद्यार्थियों को पुनः अवसर देकर टैबलेट वितरण किया जाए जिससे वे इस योजना से लाभान्वित हो सके ।

17.. विश्वविद्यालय में अनेक शिक्षक एक से अधिक प्रशासनिक पदों पर आसीन है जिससे कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होती है एवं वे पद के साथ न्याय नहीं कर पाते अतः एक शिक्षक को एक ही प्रशासनिक पद का कार्यभार दिया जाए ।

18. विश्वविद्यालय में लंबे समय से बंद स्पंदन एवं संकायों में होने वाली अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों को अविलंब शुरू किया जाए।

19. सामाजिक बहिष्करण एवं समावेशी नीति अध्ययन केंद्र में शोध प्रवेश हेतु पूर्व की भांति एमफिल धारक विद्यार्थियों को भी अवसर प्रदान किया जाए।



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