एक 67 वर्षीय महिला को साइबर अपराधियों ने पुलिस की वर्दी में वीडियो कॉल करके धोखा देते हुए 32.5 लाख रुपये लूट लिए। यह घटना 15 अक्टूबर को हुई, जब महिला नीना चंद्रा के मोबाइल पर एक व्हाट्सएप वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई के अंधेरी पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताते हुए कहा कि महिला के नाम पर एक कूरियर सिंगापुर में पकड़ा गया है, जिसमें नशीला पदार्थ, फर्जी पासपोर्ट और एटीएम कार्ड शामिल हैं।
कॉल करने वाले ने महिला को बताया कि उसकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया गया है और उसे जल्द ही मुंबई आना होगा। इसके बाद उसने महिला को एक फेक FIR की कॉपी भी भेजी। इसके बाद सीबीआई अधिकारी से बात करने की बात कहकर उसने फोन काल अनिल यादव नामक व्यक्ति को ट्रांसफर कर दी । उस व्यक्ति ने महिला को डराया कि अगर उसने किसी को इस बारे में बताया, तो उसकी जान को खतरा हो सकता है।
गिरफ्तारी से बचने के लिए महिला को अपनी संपत्ति की जानकारी देनी पड़ी, जिसमें उसने अपने फ्लैट, कार और बैंक में जमा 32 लाख 40 हजार रुपये की जानकारी दी। इसके बाद उस व्यक्ति ने कहा कि उसे अपने बैंक खाते में मौजूद पैसे उनके बताए गए खाते में आरटीजीएस करने होंगे, तभी उसकी गिरफ्तारी नहीं होगी और पैसे वापस मिल जाएंगे।
महिला ने 16 अक्टूबर को बैंक जाकर आरटीजीएस किया, लेकिन जब वह घर लौटी, तो उसे पता चला कि ट्रांसफर फेल हो गया है। फिर से डांटने पर महिला ने दोबारा पैसे ट्रांसफर किए। फोन पर बात कर रहे अधिकारी ने आश्वासन दिया कि पैसे 24 घंटे में वापस मिल जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
जब पैसे वापस नहीं आए, तो नीना ने अपने बेटे से संपर्क किया, जो नागपुर में रहते हैं। उन्होंने उसे साइबर ठगी का पता चलने पर पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी। पुलिस ने महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि पैसा यस बैंक की तिनसुकिया शाखा में ट्रांसफर किया गया था, जहां से इसे 200 विभिन्न खातों में अलग-अलग अमाउंट में बांट दिया गया। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और अपराधियों को जल्द ही पकड़ा जाएगा।