वाराणसी में नितेश मौर्या के हत्याकांड ने एक बार फिर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। परिवार के सदस्यों द्वारा भाजपा नेता पर हत्या का आरोप लगाने के बाद समाजवादी पार्टी ने इस मामले में गंभीर आरोप लगाए हैं। सोमवार को सपा के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव और जिलाध्यक्ष सुजीत यादव उर्फ लक्कड़ पहलवान के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम एक पत्रक सौंपकर CBI जांच की मांग की।
प्रदर्शन का उद्देश्य और आरोप
हत्याकांड की पृष्ठभूमि
21 सितंबर 2024 को वाराणसी के शिवपुर थाना क्षेत्र में नितेश मौर्या का अधजला शव बरामद हुआ था। उसकी पहचान ग्राम दानुपुर के निवासी नितेश के रूप में हुई, जो एक दिन पहले से लापता था। परिजनों का आरोप है कि पुलिस के डर से नितेश भागा था, जबकि पुलिस ने इसे आत्महत्या करार दिया।
भाई का आरोप
नितेश के भाई अनिल मौर्या ने बताया कि घटना के दिन रात में संजय गौंड नामक व्यक्ति और दो पुलिसकर्मी उनके घर आए थे। उन्होंने नितेश को गंदी-गंदी गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद नितेश घर से भाग गया। अनिल का कहना है कि नितेश की हत्या की गई है और उन्हें इसका प्रमाण भी मिला है।
भाजपा नेता पर शक
उन्होंने आरोप लगाया कि जिस लड़की के भागने की बात है, वह भाजपा के बड़े नेता के यहां काम करती थी। इस वजह से उनके भाई की हत्या की गई। उन्होंने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट भी दर्ज कराई है।
मां का आक्रोश
मृतक की मां ममता देवी ने भी अपनी चिंता जताई और कहा कि उनके बेटे को न्याय चाहिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि नितेश ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या की गई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रदर्शन के दौरान एसीएम सेकेंड अशोक कुमार यादव ने ज्ञापन प्राप्त किया और मामले की गंभीरता को समझते हुए उच्च अधिकारियों को अवगत कराने का आश्वासन दिया।
मामले की जांच
वाराणसी में नितेश मौर्या की लाश 21 सितंबर को मिली थी, जिसमें हाथ-पैर काटे हुए और गले पर कटने के निशान थे। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या मान लिया था, लेकिन परिजनों का कहना है कि यह हत्या का मामला है और उचित जांच की जानी चाहिए।