प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी कायस्थ समाज द्वारा भगवान चित्रगुप्त का पूजन अर्चन किया गया । भगवान चित्रगुप्त के चित्र को आकर्षक ढंग से सजा कर विधिवत फल फूल मिष्ठान चढ़ा कर लेखन सामग्री के साथ अपने लेखनी के माध्यम से यह पूजन संपन्न किया गया भगवान चित्रगुप्त कायस्थ समाज के ईष्ट देवता है पूरे दुनिया के लोगों के जीवन और मृत्यु का लेखा जोखा रखते है यह पूजा अनादि काल से चली आ रही है जिसके कारण कायस्थ समाज के हर घरों में यह पूजन होता है साथ ही अनेकों प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से कायस्थ समाज इष्ट देव की विधिवत पूजन अर्चन करते है पूरे नगर में हर्षोल्लास के साथ यह कार्यक्रम संपन्न होता है।
हिंदू धर्म में भगवान चित्रगुप्त की पूजा का विशेष महत्व है। हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर चित्रगुप्त पूजा का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में भगवान चित्रगुप्त को न्याय का देवता माना जाता है। यह व्यक्तियों को उनके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर फल और दंड देते हैं। भगवान चित्रगुप्त के पास हर व्यक्ति के कर्मों का पूरा लेखा-जोखा रहता है। चित्रगुप्त पूजा पर बहीखाता, पेन, दवात और लेखा-जोखा में काम आने वाली अन्य दूसरी वस्तुओं की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन इन चीजों की पूजा करने पर व्यापार में तरक्की और जीवन में सुख-शांति, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है।