जिला/महानगर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार कांग्रेसजन मैदागिन स्तिथ पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी जी के प्रतिमा के पास एकत्रित होकर बाबा विश्वनाथ जी के दर्शन हेतु व वहां व्याप्त समस्याओं के अवलोकन हेतु "हर हर महादेव" के उद्घोष के साथ मंदिर के तरफ बढ़े बीच रास्ते में ही पुलिस ने कांग्रेसजनों को बलपूर्वक रोकते हुए मंदिर जाने की अनुमति नहीं दी कांग्रेसजनों ने रोष व्यक्त करते हुए अपनी मांग पत्र को सौंपा।कांग्रेसजनो ने कहा की वाराणसी के सांसद व देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक तरफ प्रयागराज में स्थित अक्षय वट की पूजा कर फोटो सेशन कराते है और वहीं अपने संसदीय क्षेत्र में काशी की पवित्र नगरी में बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर स्थित पौराणिक व प्राचीन अक्षय वट को कटवाते हुए सनातन धर्म की अवहेलना अपने व्यापारी मित्रों के हितों के लिए करते है। इसका स्पष्टीकरण जनता के सामने आना चाहिए साथ ही मंदिर में व्याप्त अव्यवस्था दुरुस्त होना चाहिए।
कार्यक्रम का अध्यक्षता/नेतृत्व जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल व महानगर अध्यक्ष ने किया। उन्होंने कहा कि अति प्राचीन काशी के अक्षयवट को प्रधानमंत्री जी ने उनकी केंद्र व प्रदेश की सरकार ने अपने झूठे-खोखले विकास का हवाला देकर गिरवा दिया। आज वही प्रधानमंत्री जी प्रयागराज के वटवृक्ष की पूजा-परिक्रमा कर अपना बड़े शौक से फोटोबाजी कर सियासी रोटी सेंक रहे है।सनातन का हर अनुयायी जानता है कि हमारी संस्कृति में तीन अक्षयवटों की मान्यता है। काशी, प्रयाग और गया।इनमें से एक को मोदी जी – योगी जी का अहंकार निगल गया। जो खुद उनके संसदीय क्षेत्र में था।क्या उस समय मोदी जी को उसका महात्म्य नहीं पता था? या वे जानबूझकर काशी की परंपरा के साथ खिलवाड़ कर रहे थे?जिस काशी की प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और परम्परा के आगे दुनिया ने घुटने टेक दिए, वहां का सांसद होने के बावजूद भी प्रधानमंत्री जी मुख्यमंत्री जी इसे पैरों तले रौंदते हैं! क्यों मोदी जी – योगी जी को इस प्रश्न का जवाब जरूर देना चाहिए।आज काशी की संस्कृति ,सभ्यता ,आस्था के साथ सबसे अधिक खिलवाड़ हिन्दू का ठेकेदार बनने वाली भाजपा ने किया है।कारीडोर में नाम पर सैकड़ों मंदिरों को यह योगी – मोदी सरकार ध्वस्त कर दी।विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्तिथि अति प्राचीन अक्षयवट वृक्ष के नीचे विराजे हनुमानजी का कभी वहा पर इत्र सिंदूर से लेपन होता था,सुगंधित पुष्पों से श्रृंगार होता था ,दिया जलता था लड्डू का भोग लगता था आज उस विग्रह को खंडित कर दिया गया और अक्षतवट को उखाड़ दिया गया जिसकी परिक्रमा होती थी पूजा होती थी जो अपने आप में काशी के प्राचीन संस्कृति का सूचक रहा उस वृक्ष को उखाड़ कर आज मोदी जी प्रयागराज में स्तिथि अक्षयवट की पूजा कर रहे है।सोचिए भाजपा ने धर्म को धंधा बना दिया है।विश्वनाथ मंदिर भाजपा के लिए आस्था केंद्र नहीं है बल्कि भाजपा के राजनीति का हिस्सा व घन उगाही का स्थान भर है।
मैदागिन चौराहे पर एसीपी कोतवाली को कांग्रेसजनो ने मंडलायुक्त वाराणसी मंडल,वाराणसी को संबोधित मांग पत्र सौपा जिसमे– तीन प्रमुख मांगे निम्न है।
1– वाराणसी के सांसद महोदय व देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एक तरफ प्रयागराज में स्थित अक्षय वट की पूजा कर फोटो सेशन कराते है और वहीं अपने संसदीय क्षेत्र में काशी की पवित्र नगरी में बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर स्थित पौराणिक व प्राचीन अक्षय वट को कटवाते हुए सनातम धर्म की अवहेलना अपने व्यापारी मित्रों के हितों के लिए करते है। इसका स्पष्टीकरण जनता के सामने आना चाहिए व दोषियों के खिलाफ सख़्त कार्यवाही हो।
2- बाबा विशवनाथ जी के दरबार में काशी द्वार से काशीवासियों के दर्शन-पूजन की समय सीमा बढ़ाई जाय।
3- नेमी दर्शनाथियों को पूर्व की भाँति उनके दर्शन-पूजन की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहें।
वाराणसी कांग्रेस के लोग उपरोक्त तीनों उल्लिखित मुद्दो की मांग करते हुए ये भी मांग करते हुए आगाह करते हैं कि उपरोक्त तीनों मांगो का एक पखवारे के अन्दर इन मांगो पर गंभरता से विचार कर उचित कार्यवाही नहीं की गई तो वाराणसी के कांग्रेसजन उग्र आन्दोलन करने के लिए बाध्य होगें, जिसकी सारी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी।
कार्यक्रम मे डॉ राजेश गुप्ता,वकील अंसारी,सतनाम सिंह,अनुराधा यादव,पूनम विश्वकर्मा,आसिष गुप्ता,प्रमोद वर्मा,विकास कौण्डिल्य, राजेन्द्र गुप्ता, सुशील पाण्डेय, आशिष पाठक,असलम खां,मो उज्जेर,रामसृंगार पटेल,आनंद चौबे,आसिष पटेल,रेनू चौधरी, आरती सरोज,मो जाहिद,कृष्णा गौड़,विनोद,बाबूलाल यादव,संतोष कुमार,मृत्युंजय सोनकर, किशन यादव,आजाद प्रसाद समेत सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित रहे।