विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर समस्त ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं ने आज समस्त जिलो की भांति वाराणसी में भिखारीपुर स्थित हनुमानजी मंदिर पर भी विशाल सभा के माध्यम से निजीकरण विरोधी दिवस मनाया । संघर्ष समिति ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि प्रबंधन कर्मचारियों को गुमराह कर रहा है और भय का वातावरण बनाकर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बना रहा है । संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि प्रबंधन बिडिंग प्रक्रिया शुरू करने के पहले आर एफ पी डॉक्यूमेंट का ड्राफ्ट जारी करे तो निजीकरण के खतरों का अपने आप खुलासा हो जाएगा।
सभा को संबोधित करते हुये वक्ताओं ने बताया कि उप्र और चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी "निजीकरण विरोधी दिवस" मनाया गया और देशभर में समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध सभाएं की गई। बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओ ई ई ई) ने चेतावनी दी है कि उप्र में निजीकरण के बिडिंग डॉक्यूमेंट जारी होते ही देश भर में लाखों बिजली कर्मी सड़क पर उतरने को विवश होंगे।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आज यहां जारी बयान में कहा कि बिजली कर्मचारी और अभियंता माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में बिजली व्यवस्था के सुधार में लगातार लगे हुए हैं और 15 दिसंबर से शुरू होने वाली ओ टी एस स्कीम को सफल बनाने में लगे हैं किंतु पता नहीं क्यों पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने अचानक प्रदेश के 42 जनपदों में बिजली वितरण के निजीकरण की घोषणा कर बिजली कर्मियों को उद्वेलित कर दिया है और अनावश्यक रूप से ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बना दिया है । बिजली कर्मी अभी भी पूरी मेहनत से कार्य कर रहे हैं और निजीकरण के विरोध में सभी ध्यानाकर्षण कार्यक्रम कार्यालय समय के उपरांत कर रहे हैं जिससे बिजली व्यवस्था पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े और उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत ना हो।सभा को शैलेन्द्र दुबे ,ई0 अविनाश कुमार,ई0 आशीष कुमार, ई0 अमित धर्मा,मायाशंकर तिवारी आदि ने संबोधित किया।