बेनियाबाग में रविवार को मुशायरे का आयोजन हुआ जहां कवियों और शायरों का जमघट लगा। मुशायरे की शुरुआत में गुल-ए- सबा ने नतिया कलाम पढ़ा। इसके बाद शुरू हुआ गीतों और कविताओं का सफर। पहले इस्माइल नजर ने मंच संभाला। अपनी रचनाओं से उन्होंने खूब वाहवाही लूटी। शायर अरशद महताब ने 'घर से मैं अपने मां की दुआ लेकर आया हूं...' सुनाया तो श्रोता मंत्रमुग्ध गए। डॉ प्रशांत सिंह ने अपनी हास्य रचनाओं से खूब गुदगुदाया।
अलीशा मेराज ने बेटी व पिता के जज्बातों को शेरों में ढाला। नौजवान शायर अमजद खान ने भी खूब तालियां बटोरी। प्रख्यात शायरा शबीना अदीब को सुनने के लिए देर रात तक लोग बैठे रहे। शायरों का स्वागत कमेटी के अध्यक्ष अनिल यादव ने किया। संचालन सुधांशु श्रीवास्तव, दमदार बनारसी ने किया।
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