हर साल महाशिवरात्रि पर निकलने वाली शिव बारात को लेकर इस बार खास उत्साह देखने को मिला। मृत्युंजय महादेवमंदिर से निकलने वाली शिव बारात अत्यंत धूमधाम से निकाली गई।
गाजे-बाजे के साथ निकली इस भव्य शोभायात्रा में हजारों भक्त शिव के बाराती बनने के लिए उमड़े। इस बारात में प्रयागराज महाकुंभ पर केंद्रित झांकी आकर्षण का केंद्र रही, वहीं मथुरा-वृंदावन की होली की झलक भी देखने को मिली। खास बात यह रही कि प्रयागराज से मंगाए गए त्रिवेणी के जल का छिड़काव भक्तों पर किया गया, जिससे पूरे मार्ग में एक आध्यात्मिक वातावरण बन गया।परंपरागत रूप से इस बारात में देवी-देवता, किन्नर, जादूगर, सपेरे और भूत-पिशाच बाराती बने।
शिवभक्ति के रंग में रंगे इस जुलूस में काशी की मशहूर मसाने की होली, मटका फोड़ होली और बरसाने की लट्ठमार होली के दृश्य भी नजर आए। इस आयोजन में प्रतीक दूल्हे की भूमिका कवि सुदामा प्रसाद तिवारी 'सांड बनारसी' ने निभाई, जबकि व्यापारी नेता हाजी बदरुद्दीन दुल्हन के रूप में रथ पर सवार हुए।इस अनूठी शिव बारात में 81 वर्षीय डॉ. अमरनाथ शर्मा सहब्बला’ बने, वहीं यूक्रेन, जर्मनी और यूके से आईं विदेशी महिलाएं भी शिव गण बनकर शोभायात्रा का हिस्सा बनीं। मार्ग में जगह-जगह विभिन्न संगठनों द्वारा बारातियों के लिए फलाहार, ठंडई और पान की व्यवस्था की गई।शिव बारात मैदागिन से शुरू होकर बुलानाला, चौक, ज्ञानवापी और गोदौलिया होते हुए चितरंजन पार्क पहुंची, जहां शिव-पार्वती विवाह की भव्य लीला संपन्न हुई।