शिक्षा विभाग ने 37 स्कूलों की पहचान की है, जो बिना मान्यता चल रहे थे. इनमें से कुछ स्कूलों में तो 70 से भी ज्यादा बच्चे पढ़ रहे थे और कोई भी यह नहीं जानता था कि ये स्कूल पूरी तरह अवैध हैं . अब इन सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है और वहां पढऩे वाले बच्चों को पास के वैध स्कूलों में शिफ्ट किया गया है . इन स्कूल्स ने न ही बच्चों की संख्या और न सुरक्षा से जुड़े मानकों को पूरा किया था ऐसे हुआ खुलासा
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि कई स्कूल बिना मान्यता और जरूरी कागजातों के संचालित हो रहे थे शासन द्वारा पहले से जारी निर्देशों के बावजूद ये स्कूल बंद नहीं हुए थे. शिक्षा निदेशालय से प्राप्त आदेशों के बाद जनपद स्तर पर जांच की गई, जिसमें पाया गया कि 37 स्कूलों ने न तो मान्यता ली है और न ही बच्चों की संख्या और सुरक्षा से जुड़े मानकों को पूरा किया है
1)सरस्वती शिशु मंदिर, अटेसुआ
2)विद्या मंदिर पुआरीकला आयर
3)बी. इंटरनेशनल बनियवॉपार, आयर
4)ग्लोबल इंगलिश स्कूल, हरिबल्लमपुर
5) राजाराम पब्लिक स्कूल, हरिबल्लमपुर
6) गंगा उच्चतर स्कूल, अटेसुआ
7) काशी इंगलिश स्कूल, मुर्दहां
8) एसवीएन पब्लिक स्कूल, कनियर, नारायनपुर, बड़ागांव
9) शकुन्तला एजूकेशन सोसायटी कनियर, गोपालपुर, बडागांव
10) सरस्वती विद्या मंदिर दबेथुआ, बड़ागांव
11)आर्यभट्ठ ठठरा, बड़ागांव
12)गुरू नानक अर्ली लर्निंग स्कूल, नथईपुर, बड़ागांव
13)बीके कॉन्वेंट स्कूल, बसनी बड़ागांव
14) स्वास्तिक पब्लिक स्कूल, गडख़ड़ा
15) गुरू नानक अर्ली लर्निंग स्कूल पिंडरा बाजार
16) सरदार पटेल पब्लिक स्कूल, सरायसेख लार्ड, सिन्धौरा
17) सरस्वती विद्या मंदिर, गरथमा
18) पीआरसी चिल्ड्रेन अकादमी, चांदपुर
19 सेंट जेवियर्स स्कूल लेढूपुर
20 डॉ. अमरनाथ स्कूल चोलापुर
बच्चों को दूसरे स्कूल में कराया शिफ्ट
इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को अब उनके क्षेत्रीय सरकारी या मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में भेजा गया है. शिक्षा विभाग ने इन सभी स्कूलों को नोटिस भेजकर तत्काल बंद करने का आदेश दिया. साथ ही कई पर फाइन भी लगाया गया. अब भविष्य में अगर ये स्कूल दोबारा खुलते हैं तो कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.
स्कूल खोलने के लिए ये है मानक
1. बोर्ड से मान्यता लेना अनिवार्य होता है.
2. कम से कम 1,000 वर्ग फीट का क्षेत्रफल.
3. क्लासरूम और बैठने की व्यवस्था.
4. खेल और प्ले एरिया.
5. स्टाफ और टीचर्स की योग्यता.
6. सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान जैसे फायर सेफ्टी.
7. सीसीटीवी और निगरानी.
अवध किशोर सिंह, डीआईओएस के अनुसार जो स्कूल मानकों का पालन नहीं कर रहे थे, उन्हें नोटिस भेजकर तत्काल बंद करने का आदेश दिया. साथ ही कई पर फाइन भी लगाया गया.