वाराणसी स्थित सेंट्रल हिंदू स्कूल में कक्षा 6 में प्रवेश की प्रक्रिया एक बार फिर विवादों में है। कोविड काल में बंद की गई प्रवेश परीक्षा अब तक बहाल नहीं की गई है और इसकी जगह लॉटरी पद्धति अपनाई जा रही है। लेकिन अब छात्र और अभिभावक इस व्यवस्था को पक्षपातपूर्ण और अपारदर्शी बताते हुए विरोध के मूड में आ गए हैं। अभिभावकों का आरोप है कि लॉटरी सिस्टम में मेधावी छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है और कुछ लोगों के जरिए पैसे देकर नाम डलवाने की बातें सामने आई हैं।
जिससे सेंट्रल हिंदू स्कूल जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की छवि धूमिल हो रही है। छात्रों और अभिभावकों की मांग है कि जल्द से जल्द पुरानी प्रवेश परीक्षा प्रणाली को बहाल किया जाए, ताकि योग्य विद्यार्थियों को उनका हक मिल सके। चेतावनी भी दी गई है – अगर माँगें नहीं मानी गईं तो बीएचयू प्रशासन के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा। तो देखना होगा कि बीएचयू प्रशासन छात्रों की इस माँग पर क्या रुख अपनाता है। लेकिन इतना तय है कि अगर समय रहते समाधान नहीं निकला, तो CHS में शिक्षा से ज़्यादा संघर्ष की तस्वीरें सामने आ सकती हैं।