श्री नागरी नाटक मंडली एवं भारतेंदु नाट्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में 28 वी नवांकुर वरिष्ठ वर्ग ग्रीष्मकालीन कार्यशाला के अंतर्गत निदेशक प्रोफेसर विभांशु वैभव द्वारा लिखित नसीबां वाला नाटक का भव्य मंचन हुआ। ये नाटक राजिंदर सिंह बेदी के उपन्यास, एक चादर मैली सी पर आधारित रहा। ये नाटक स्त्री जीवन की कठिनाइयों और उनके निजी संकट का जीवंत दस्तावेज़ रहा। नाटक की मुख्य पात्र रानो विपरीत परिस्थितियों में भी अपनों की भलाई के लिए अनचाहे फैसले को मानने के लिए मजबूर की जाती है।
इस नाटक ने स्त्री के मानसिक द्वंद, भावना और कर्तव्य के बीच हो रहे टकराव को बड़ी रोचकता से और संवेदनशीलता के साथ उजागर किया । सम्पूर्ण नाटक को रानो की बेटी बड़की के दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया, जिसमें एक बेटी अपनी भावनाओं और सयानी होती उम्र से जूझती अपनी मां को परिभाषित करती है। बरसों पहले लिखा गया ये उपन्यास आज भी समसामयिक है। आज वर्तमान में भी स्त्री की दशा और समस्या ज्यों की त्यों हैं। उपन्यास में छिपे अनेक परतों को नाटक में उधेड़ने का एक रचनात्मक प्रयास किया गया। इस नाटक ने औरत से जुड़े तमाम सवालों को रूबरू कराया । कलाकारों ने इसे बड़े ही मार्मिक रूप में प्रस्तुत किया।