इमाम हुसैन की शहादत की याद में मोहर्रम का महीना 27 जून से शुरू होगा। इस साल चाँद के दीदार के मुताबिक आशूरा 7 जुलाई को मनाया जाएगा। ग़म और अकीदत का ये सिलसिला अगले दो महीनों तक जारी रहेगा। पराड़कर भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता और हजरत अली कमेटी के सचिव हाजी फरमान हैदर ने बताया कि एक मोहर्रम से लेकर 13 मोहर्रम तक शहर में तकरीबन 60 जुलूस निकाले जाएंगे।
10वीं मोहर्रम यानी आशूरा के दिन जुलूसों की संख्या सैकड़ों में पहुँच जाएगी।मोहर्रम का महीना ग़म का महीना है, लेकिन साथ ही ये सब्र, इंसाफ़ और कुर्बानी का पैगाम भी देता है।शहर इस साल भी अकीदत और अमन के साथ इमाम हुसैन की शहादत की याद में सिर झुकाएगा।प्रशासन और कमेटियाँ मिलकर जुलूसों को शांति और अनुशासन से सम्पन्न कराने में जुटी रहेगी।
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