बृजभूषण-सीएम योगी की नजदीकी से 'ठाकुर पॉलिटिक्स' को नया मोड़, यूपी की सियासत में बदल सकते हैं समीकरण

उत्तर प्रदेश की राजनीति में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जोड़तोड़ तेज हो गई है। इसी कड़ी में पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात ने नए सियासी संकेत दिए हैं। यह मुलाकात करीब 31 महीने बाद हुई है, जिसे ‘ठाकुर राजनीति’ के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। दोनों नेता न सिर्फ पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं, बल्कि ठाकुर समाज से भी आते हैं। साथ ही गोरखनाथ मठ से भी इनका गहरा संबंध है जहां योगी आदित्यनाथ मौजूदा महंत हैं, वहीं बृजभूषण सिंह, मठ के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के करीबी माने जाते हैं। 

यही अवैद्यनाथ दोनों नेताओं के राजनीतिक मार्गदर्शक रहे हैं।पिछले कुछ वर्षों में योगी और बृजभूषण के बीच राजनीतिक दूरी देखी गई थी। लोकसभा चुनाव 2024 में बृजभूषण केवल अपने बेटे की कैसरगंज सीट पर सीमित दिखे और राजपूत समाज की नाराजगी भी बीजेपी को भारी पड़ी। अब एक बार फिर दोनों नेताओं की केमिस्ट्री बनती नजर आ रही है, जिससे ठाकुर वोट बैंक को साधने की कोशिश मानी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह तालमेल मजबूत होता है, तो पूर्वांचल में बीजेपी को बड़ा फायदा मिल सकता है और पार्टी 2027 के चुनाव के लिए सामाजिक समीकरणों को और सशक्त बना सकती है।

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