रंगदारी न देने की रंजिश को लेकर युवक के साथ मारपीट और गंभीर रूप से घायल करने के आरोप में दर्ज मुकदमे में विशाल यादव को अदालत ने बरी कर दिया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) प्रवीण कुमार की अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में विशाल यादव को दोषमुक्त घोषित कर दिया।अभियोजन पक्ष के अनुसार कानपुर निवासी हिमांशु यादव ने अदालत के आदेश पर कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसका आरोप था कि टाउनहाल के मेले में झूला लगाने के दौरान उससे सभासद भैयालाल यादव द्वारा 20 हजार रुपये रंगदारी की मांग की गई।
रंगदारी न देने पर 23 अक्टूबर 2015 को सभासद, उनके बेटे गौरव यादव, दोस्त विशाल यादव, कन्हैया और अन्य लोगों ने झूले के पास पहुंचकर गाली-गलौज और मारपीट की।पीड़ित के अनुसार, मारपीट के दौरान आरोपियों ने उसकी जेब से 32 हजार रुपये भी छीन लिए और जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए।बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विकास सिंह, अमनदीप सिंह और आशुतोष उपाध्याय ने अदालत में तर्क प्रस्तुत किया, जिसके आधार पर अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया।इस फैसले के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद पर न्यायिक रूप से विराम लग गया।