बाढ़ के चलते आम जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त, बाढ़ राहत शिविर का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण

पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखने लगा है। गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है, वहीं उसकी सहायक नदी वरुणा भी अब उफान पर है। वरुणा नदी का पानी अब वाराणसी के पुरानापुल स्थित शैलपुत्री क्षेत्र की निचली बस्तियों में घुसने लगा है, जिससे वहां रहने वाले लोगों के लिए मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। स्थानीय समाजसेवी नीरज सोनकर नैपाली ने बताया कि शैलपुत्री क्षेत्र में करीब 50 से 60 घर बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। कई परिवारों को उनके घरों से निकाल कर प्रशासन द्वारा स्थापित राहत चौकियों तक सुरक्षित पहुंचाया गया है।प्रशासन ने जलभराव वाले क्षेत्रों में नावें भी तैनात कर दी हैं ताकि किसी भी मकान में फंसे व्यक्ति को तत्काल निकाला जा सके। हालांकि कुछ लोग अब भी अपने घर की छतों पर मड़ई और झुग्गी बनाकर रह रहे हैं।

 वहीं, कई परिवार प्राथमिक विद्यालयों में बनाए गए अस्थायी राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।वरुणा नदी के बाढ़ पिड़ीतों का हाल जानने एवं सरकारी सुविधा की जानकारी लेने जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने हुकुलगंज स्थित दिप्ती कान्वेंट स्कूल बाढ़ राहत शिविर का एवं बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया एवं कर्मचारियों से बाढ़ पिड़ीतों हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।हुकुलगंज के पार्षद बृजेश चन्द्र श्रीवास्तव ने शिविर में आये शरणार्थियों को प्रदेश की योगी सरकार द्वारा दिये जा रहे सुविधाओं पर सन्तोष जताते हुए बाढ़ के पानी में अपने घरों में रहने वाले बाढ़ पिड़ीतों को भी राहत सामग्री देने की मांग की।इस अवसर पर उपजिलाधिकारी सदर अमित कुमार, तहसीलदार सदर संत विजय सिंह,नायब तहसीलदार प्रिती पाण्डेय, लेखपाल दिपांशु सिंह व रितेश सिंह, सन्तोष यादव, शाहिद अहमद भाजपा नेता दिनेश मौर्या,दीपक श्रीवास्तव मोनू सहित अन्य लोग मौजूद रहे। 

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