उत्तर प्रदेश में मानसून ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। लखनऊ, कानपुर और चित्रकूट समेत राज्य के 25 से अधिक जिलों में रुक-रुककर हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।चित्रकूट में भारी बारिश के चलते मंदाकिनी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। रामघाट की सभी सीढ़ियां जलमग्न हो चुकी हैं और तुलसीदास का ऐतिहासिक मंदिर पानी में डूब गया है। घाट किनारे बसे मकान और 100 से ज्यादा दुकानें बाढ़ की चपेट में आ चुकी हैं। सड़कों पर 5 से 7 फीट तक पानी भर जाने से नाव से आवाजाही करनी पड़ रही है।सतना रोड स्थित एक होटल में पर्यटक फंस गए थे, जिन्हें स्थानीय प्रशासन ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला। एसपी ने बताया कि हालात गंभीर हैं, लेकिन राहत कार्य तेजी से जारी है।कानपुर में लगातार बारिश से रेलवे ट्रैक धंस गया है। कालिंदी एक्सप्रेस को बीच रास्ते में रोकना पड़ा, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।
फिलहाल रेलवे की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और ट्रैक की मरम्मत का कार्य जारी है। भूसा टोली इलाके में एक सड़क भी धंस गई है।राजधानी लखनऊ में एक घंटे की तेज बारिश ने शहर की सूरत बिगाड़ दी। मरीन ड्राइव, रिवर फ्रंट, चारबाग स्टेशन, लखनऊ-सुल्तानपुर हाईवे और अन्य क्षेत्रों में घुटनों तक पानी भर गया। गाड़ियां बंद हो गईं और लोगों को धक्का लगाकर वाहन निकालने पड़े।20 से ज्यादा कॉलोनियों में जलजमाव हो गया है। नगर निगम जोन-6 क्षेत्र में एक युवक नाले में बह गया, जिसका अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। कई स्कूलों में पानी घुस गया और सब्जी मंडियों की फसलें बर्बाद हो गई हैं।मौसम विभाग ने प्रदेश के 60 जिलों में गरज-चमक के साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान 20 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावना जताई गई है।यूपी में मानसून राहत के बजाय आफत बनता जा रहा है। बाढ़, जलभराव और बुनियादी अव्यवस्थाएं जनता को मुश्किल में डाल रही हैं। प्रशासन अलर्ट मोड में है, लेकिन हालात तेजी से बिगड़ते नजर आ रहे हैं।