काशी में भारी बारिश के बाद भीषण जलभराव, विपक्ष का सरकार पर तीखा हमला

मानसून की पहली ही बारिश ने काशी में रिकॉर्ड तोड़ हालात पैदा कर दिए। सोमवार की रात महज ढाई घंटे में 68.5 मिमी बारिश हुई, जिससे लंका, सिगरा, मैदागिन, गोदौलिया, भेलूपुर जैसे प्रमुख इलाकों में भारी जलजमाव हो गया। सबसे चिंताजनक स्थिति गौदोलिया बाजार में दिखी, जहां जलभराव के कारण राहगीरों और दुकानदारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

मौसम विभाग ने बताया कि जून महीने में काशी में इतनी बारिश पिछले 4 वर्षों में पहली बार हुई है। वर्ष 2021 के बाद यह पहला मौका है जब एक ही दिन में इतनी बारिश दर्ज की गई। पिछले 17 वर्षों में यह तीसरी सबसे भारी जून बारिश है।मंगलवार को भी दोपहर 12:30 बजे के बाद फिर बारिश शुरू हो गई, जिससे तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जलभराव की एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा—यह दृश्य देखकर मत सोचिए कि यह गोरखपुर है... दरअसल यह प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र बनारस है। पहली बारिश में ही 'विकास' तैरता हुआ दिखा।

"काशी की सड़कों पर पानी का अंबार यह साबित करता है कि ट्रिपल इंजन सरकार के सारे दावे फेल हो चुके हैं।उन्होंने कहा कि मोदी-योगी सरकार ने काशी को ‘प्रयोगशाला’ बना दिया है।  रोपवे योजना काशी के लिए ‘लूटवे’ बन चुकी है। नालों की स्थिति का ज्ञान सरकार को नहीं है, और दुकानदारों की रोज़ी-रोटी तबाह हो चुकी है। अजय राय ने कहा कि काशी की पुरातन संस्कृति के साथ खिलवाड़ हो रहा है, विकास कार्य बिना भौतिक जानकारी के किए जा रहे हैं। 

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