काशी के प्रतिष्ठित सांस्कृतिक केंद्र नागरी नाटक मंडली न्यास प्रांगण में एक दिवसीय नाट्य आयोजन के अंतर्गत चर्चित नाटक “एक था गधा उर्फ अलादाद खां” का प्रभावशाली मंचन किया गया। प्रसिद्ध व्यंग्यकार शरद जोशी द्वारा लिखित यह नाटक समाज की राजनीतिक और प्रशासनिक विडंबनाओं पर करारा व्यंग्य करता है, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
नाटक के मंचन में कलाकारों ने अपनी जीवंत अभिनय क्षमता और संवाद अदायगी से उपस्थित दर्शकों को ठहाकों के साथ-साथ गहरे विचारों में भी डुबो दिया। गधे के प्रतीकात्मक प्रयोग के माध्यम से नाटक ने सत्ता, चाटुकारिता और सामाजिक ढोंग पर तीखा प्रहार किया।कार्यक्रम में शहर के कई रंगकर्मी, साहित्यप्रेमी और संस्कृति से जुड़ी हस्तियां उपस्थित रहीं। मंच सज्जा, प्रकाश व्यवस्था और निर्देशन की सराहना करते हुए दर्शकों ने कहा कि ऐसे नाटक आज के दौर में सोचने को मजबूर करते हैं और रंगमंच की शक्ति को फिर से स्थापित करते हैं।संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि भविष्य में भी इस प्रकार के सार्थक और विचारोत्तेजक नाटकों का आयोजन किया जाता रहेगा, ताकि समाज को जागरूक करने में रंगमंच की भूमिका बनी रहे।