वाराणसी में रिश्वतखोरी के आरोपों में घिरे इंस्पेक्टर भरत उपाध्याय को डायल 112 का प्रभारी बनाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। मंडुवाडीह थाने में तैनाती के दौरान एक मारपीट के मामले में नामजद आरोपी के भाई से 35 हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप में भरत उपाध्याय को पहले लाइन हाजिर किया गया था। इस मामले में थाने के एक दरोगा और सिपाही को एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था।
अब पुलिस कमिश्नर द्वारा उपाध्याय को डायल 112 का चार्ज सौंपे जाने पर सवाल उठने लगे हैं। इस नियुक्ति को लेकर पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने कड़ा ऐतराज़ जताया है। उन्होंने कमिश्नर को पत्र लिखकर भरत उपाध्याय से तत्काल चार्ज वापस लेने की मांग की है। पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि बिना किसी निष्पक्ष जांच के महज़ औपचारिकता निभाकर उन्हें लाइन हाजिर करना न्यायसंगत नहीं था।अमिताभ ठाकुर ने पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए इस निर्णय को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए नुकसानदायक बताया है। उनके अनुसार, जब तक मामले की स्वतंत्र जांच नहीं हो जाती, ऐसे अफसरों को जिम्मेदारी देना जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ है।इस विवाद के बाद पुलिस विभाग में भी हलचल मच गई है और यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस कमिश्नर इस पर कोई पुनर्विचार करते हैं या नहीं।