नागरी प्रचारिणी सभा के स्थापना दिवस पर हुए विविध कार्यक्रम, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों पर झूमे दर्शक

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता को देश की वैज्ञानिक, आर्थिक, सामाजिक उपलब्धियों और जनहितकारी नीतियों को आम जनता तक पहुँचाने का माध्यम बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि काशी की सोच और दृष्टि में वह क्षमता है कि वह हिंदी पत्रकारिता में पूरे भारत का नेतृत्व कर सकती है। नागरी प्रचारिणी सभा के 133वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बनारस का चिंतन तत्व और आधुनिक तकनीक का मेल पत्रकारिता में नवाचार लाएगा। इससे हिंदी पत्रकारिता एक नई दिशा में आगे बढ़ेगी।

कार्यक्रम में ओपन माइक प्रतियोगिता भी आयोजित हुई, जिसमें “मैं कविता हूँ, पाया है प्रकाश” विषय पर देशभर से आए प्रतिभागियों ने कविता, कहानी और गीत प्रस्तुत किए।प्रथम पुरस्कार आयुष कुमार, द्वितीय पुरस्कार विनोद कुमार ‘हंस’, और तृतीय पुरस्कार अंजली राजपूत को मिला। सांत्वना पुरस्कार सुरभि शुक्ला और विशाल कृष्णा को दिए गए।सांस्कृतिक सत्र में रात्रि में मौजूद संगीत रसिकों को वृंदावन की रास लीला का अनुभव कराया गया। पं. साजन मिश्र की गायकी से श्रोताओं को भाव-विभोर कर देने वाला संगीत सुनने को मिला। कार्यक्रम के अंत में नाटकों और संवादों के माध्यम से पत्रकारिता की जिम्मेदारियों पर भी चर्चा हुई। छात्रों ने अपने प्रस्तुतियों से धर्म और सत्य, संचार की विश्वसनीयता और लोकतंत्र की शक्ति जैसे विषयों को मंच पर उतारा।मुख्य अतिथि डॉ. अनुरूप शांडिल्य ने इस सत्र का संचालन किया और कहा कि पत्रकारिता केवल खबरों का माध्यम नहीं, बल्कि समाज परिवर्तन का सशक्त माध्यम बन सकती है।

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