काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया जब हृदय रोग विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. ओम शंकर ने एक प्रेस वार्ता के दौरान अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ. के.के. गुप्ता पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।प्रो. ओम शंकर ने आरोप लगाया कि डॉ. गुप्ता पिछले 10 वर्षों से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और उनके खिलाफ पूर्व में भी शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि ब्लड बैंक से जुड़े एक मामले में डॉ. गुप्ता को अपराधी घोषित किया जा चुका है।प्रोफेसर ने BHU प्रशासन से मांग की कि डॉ. गुप्ता जैसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जिससे अस्पताल की छवि और मरीजों की सेवा प्रणाली प्रभावित न हो।
इस आरोप ने BHU अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था की पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह मामला अब चिकित्सा क्षेत्र में जवाबदेही और नैतिकता के स्तर पर एक नई बहस को जन्म दे चुका है।