यौन शोषण मामले में डिप्टी कमिश्नर कमलेश पांडेय समेत 7 अधिकारी निलंबित

मथुरा के राज्य कर विभाग में तैनात डिप्टी कमिश्नर कमलेश कुमार पांडेय पर उनकी अधीनस्थ एक महिला अधिकारी ने यौन शोषण और अनैतिक व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए थे। महिला अधिकारी ने विभागीय उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी, जिसके बाद इस संवेदनशील मामले की जांच आंतरिक परिवाद समिति को सौंपी गई। जांच के दौरान सामने आए तथ्यों और बयानात के आधार पर यह आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए। इसके बाद राज्य कर विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए डिप्टी कमिश्नर कमलेश पांडेय को निलंबित कर दिया और उन्हें संयुक्त आयुक्त, बांदा कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है।हालांकि, इस मामले में सिर्फ आरोपी अधिकारी ही नहीं, बल्कि जांच करने वाली समिति की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। महिला अधिकारी ने आरोप लगाया कि विशाखा समिति ने जांच के दौरान निष्पक्षता नहीं बरती और आरोपी अधिकारी को बचाने का प्रयास किया। यह भी कहा गया कि समिति ने निर्धारित प्रक्रिया और जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया। इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने विशाखा समिति के छह सदस्य अधिकारियों को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबित अधिकारियों में सहायक आयुक्त कोमल छाबड़ा (सचल दल इकाई-2, मथुरा), उपायुक्त प्रतिभा (विशेष अनुसंधान शाखा, मथुरा), सहायक आयुक्त पूजा गौतम (राज्य कर खंड-2, मथुरा), उपायुक्त संजीव कुमार (राज्य कर खंड-5, मथुरा), राज्य कर अधिकारी सुनीता देवी (खंड-3, मथुरा) और उपायुक्त वीरेन्द्र कुमार (खंड-3, मथुरा) शामिल हैं।राज्य कर विभाग ने मामले की निष्पक्ष और गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए विशेष सचिव कृतिका ज्योत्सना को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। वे सभी आरोपों, विभागीय आचरण, और जांच समिति की लापरवाही की विस्तृत जांच करेंगी और आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति देंगी।यह पूरा प्रकरण सरकारी कार्यालयों में महिलाओं की सुरक्षा, आंतरिक जांच समितियों की निष्पक्षता और प्रशासनिक जवाबदेही पर कई गंभीर प्रश्न खड़े करता है। यदि जांच में आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह न केवल आरोपी अधिकारी बल्कि पूरे तंत्र की कार्यप्रणाली पर कठोर सवालिया निशान होगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट संकेत दिए हैं कि महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का शोषण और उसमें शामिल किसी भी स्तर की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । मथुरा: यौन शोषण मामले में डिप्टी कमिश्नर कमलेश पांडेय समेत 7 अधिकारी निलंबितमथुरा के राज्य कर विभाग में तैनात डिप्टी कमिश्नर कमलेश कुमार पांडेय पर उनकी अधीनस्थ एक महिला अधिकारी ने यौन शोषण और अनैतिक व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए थे। महिला अधिकारी ने विभागीय उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी, जिसके बाद इस संवेदनशील मामले की जांच आंतरिक परिवाद समिति को सौंपी गई। जांच के दौरान सामने आए तथ्यों और बयानात के आधार पर यह आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए। इसके बाद राज्य कर विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए डिप्टी कमिश्नर कमलेश पांडेय को निलंबित कर दिया और उन्हें संयुक्त आयुक्त, बांदा कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है।हालांकि, इस मामले में सिर्फ आरोपी अधिकारी ही नहीं, बल्कि जांच करने वाली समिति की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। महिला अधिकारी ने आरोप लगाया कि विशाखा समिति ने जांच के दौरान निष्पक्षता नहीं बरती और आरोपी अधिकारी को बचाने का प्रयास किया। यह भी कहा गया कि समिति ने निर्धारित प्रक्रिया और जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया। इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने विशाखा समिति के छह सदस्य अधिकारियों को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबित अधिकारियों में सहायक आयुक्त कोमल छाबड़ा (सचल दल इकाई-2, मथुरा), उपायुक्त प्रतिभा (विशेष अनुसंधान शाखा, मथुरा), सहायक आयुक्त पूजा गौतम (राज्य कर खंड-2, मथुरा), उपायुक्त संजीव कुमार (राज्य कर खंड-5, मथुरा), राज्य कर अधिकारी सुनीता देवी (खंड-3, मथुरा) और उपायुक्त वीरेन्द्र कुमार (खंड-3, मथुरा) शामिल हैं।राज्य कर विभाग ने मामले की निष्पक्ष और गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए विशेष सचिव कृतिका ज्योत्सना को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। 

वे सभी आरोपों, विभागीय आचरण, और जांच समिति की लापरवाही की विस्तृत जांच करेंगी और आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति देंगी।यह पूरा प्रकरण सरकारी कार्यालयों में महिलाओं की सुरक्षा, आंतरिक जांच समितियों की निष्पक्षता और प्रशासनिक जवाबदेही पर कई गंभीर प्रश्न खड़े करता है। 

Ktv News Varanasi

Greeting from KTV Channel, Varanasi Leading News and Social content Provider

Post a Comment

Previous Post Next Post