वाराणसी के वरुणा क्षेत्र स्थित ढेलवरिया मोहल्ले में बाढ़ ने लोगों की ज़िंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है। घरों में पानी भर गया है और लोग तिरपाल के टेंट में रहने को मजबूर हैं। एक टेंट में 4 से 5 लोग ठसाठस भरे रहते हैं। बिजली नहीं है, मच्छरों का प्रकोप है और छोटे बच्चे दूध और केला जैसी बुनियादी चीजों के लिए रो रहे हैं। सरकार की ओर से सुबह-शाम सिर्फ दाल-चावल दिया जा रहा है, जबकि नाश्ते में कभी-कभी चना आता है। कैंप में शौचालय की व्यवस्था बेहद खराब है, हालांकि शिकायत के बाद एक और शौचालय बनवाया जा रहा है। क्षेत्र की युवती लक्ष्मी, जो अपनी बहन के साथ टेंट में रह रही हैं, कहती हैं कि स्कूल बंद हो गया है और पढ़ाई रुक गई है। लोगों का कहना है कि विधायक रविंद्र जायसवाल अब तक एक बार भी हालचाल लेने नहीं आए हैं, जबकि बाकी कैंपों में प्रशासन और नेता लगातार पहुंच रहे हैं। मुन्ना जैसे लोग, जो सब्जी बेचकर गुज़ारा करते थे, अब पूरी तरह बेरोज़गार हो गए हैं। वहीं सुरेश रघुवंशी जैसे लोग, जिनकी पत्नी दिव्यांग है,
अब बिना दवा और आय के जीने को मजबूर हैं। कुछ अच्छे लोग भी सामने आए हैं, जैसे मुकेश, जिन्होंने अपने तीन मंजिला मकान में कई परिवारों को मुफ्त में ठहराया है और बिजली भी उपलब्ध कराई है। लेकिन सवाल यह है कि क्या बाकी लोगों तक भी मदद उसी ईमानदारी से पहुंचेगी? ढेलवरिया के लोग अब भी सिर्फ उम्मीद के सहारे जी रहे हैं।