केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड CBSE ने शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की आंसर शीट्स के मूल्यांकन को अब डिजिटल माध्यम से करने का निर्णय लिया है। इसके तहत बोर्ड ऐसे अनुभवी एजेंसियों का चयन करेगा, जिनके पास पहले से ही डिजिटल मूल्यांकन का अनुभव हो, ताकि मूल्यांकन प्रक्रिया पारदर्शी, तेज़ और निष्पक्ष हो सके। यह कदम बोर्ड द्वारा मूल्यांकन की गुणवत्ता बढ़ाने और परीक्षा में असमानता को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस डिजिटल मूल्यांकन के लिए लगभग 28 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है, लेकिन इससे मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक मजबूत और भरोसेमंद बनेगी। पहले भी बोर्ड ने कुछ विषयों के लिए डिजिटल मूल्यांकन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जिसके बाद इस प्रणाली को पूरे बोर्ड स्तर पर लागू करने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही, सीबीएसई ने शैक्षणिक सत्र 2026-27 से 9वीं कक्षा की परीक्षाओं में ‘ओपन-बुक’ मूल्यांकन को भी मंजूरी दी है। इस नई प्रणाली का उद्देश्य छात्रों को केवल रटने पर निर्भर न रहकर उनकी समझ, सोचने-समझने और विश्लेषण करने की क्षमता को बढ़ावा देना है। ‘ओपन-बुक’ परीक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत तैयार की गई है, जिसमें मुख्य रूप से गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषय शामिल होंगे। शिक्षकों ने इस बदलाव का समर्थन करते हुए इसे छात्रों के समग्र विकास के लिए एक सकारात्मक कदम माना है। इस तरह, सीबीएसई ने तकनीकी और शैक्षणिक दोनों ही दृष्टिकोणों से अपनी परीक्षा प्रणाली में सुधार करते हुए छात्रों के लिए अधिक पारदर्शी और प्रभावी मूल्यांकन की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है।