सांस्कृतिक अध्ययन एवं शोध का प्रमुख केंद्र ज्ञान-प्रवाह ने अपने नवीन शैक्षणिक सत्र 2025–2026 का शुभारंभ प्रो. रमेशचन्द्र शर्मा स्मृति व्याख्यान के आयोजन के साथ अत्यंत गरिमापूर्ण वातावरण में किया।कार्यक्रम का आरंभ गंगा-कलश पूजन तथा पं. पीयूष समाधिया एवं ज्ञान-प्रवाह संस्कार एवं अनुष्ठान केन्द्र के बटुकों द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ।इस अवसर पर ज्ञान-प्रवाह के कार्यकारी न्यासी प्रो. अंजन चक्रवर्ती ने स्वागत भाषण दिया तथा परामर्शदाता प्रो. श्रीकिशोर मिश्र ने मंचासीन अतिथियों का सम्मान किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, वेरावल के पूर्व कुलपति प्रो. गोपवन्धु मिश्र एवं कैलिफोर्निया स्थित करेयरमाउन्ट मैक्केन्ना कॉलेज की प्रो. नीता कुमार ने ज्ञान-प्रवाह शोध पत्रिका (सं. 28) एवं प्रगति विवरण पत्रिका (2024–2025) का लोकार्पण किया।मुख्य आकर्षण रहा 18वां प्रो. रमेशचन्द्र शर्मा स्मृति व्याख्यान, जिसे प्रो. नीता कुमार ने "बनारस के शिल्पकार एवं भारत में सौंदर्यशास्त्र की परिभाषा में हो रहे परिवर्तन" विषय पर प्रस्तुत किया।
प्रो. गोपवन्धु मिश्र ने ज्ञान-प्रवाह के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था तेजी से लुप्त होती भारतीय परंपराओं को संरक्षित रखने का प्रशंसनीय कार्य कर रही है।कार्यक्रम का समापन प्रो. अंजन चक्रवर्ती द्वारा आभार ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम में शहर के अनेक प्रबुद्धजन, छात्र, शिक्षक एवं विद्वान उपस्थित रहे।