वाराणसी-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-31) से जुड़े कोईराजपुर गांव की सड़क इन दिनों बदहाल हालत में है। यह सड़क रिंग रोड फेज-2 के अंतर्गत आने वाले कोईराजपुर, कोरउत, मंगलपुर, अकेलवा, गंगापुर, लोहता, मोहनसराय, कोटवा, लहरतारा और बौलिया जैसे कई गांवों को जोड़ती है, लेकिन इन दिनों गहरे गड्ढों और भरे हुए पानी के कारण यह रास्ता जानलेवा बन चुका है।बारिश के चलते सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे पानी से लबालब भर गए हैं, जिससे गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। दोपहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वालों के लिए यह सड़क बेहद खतरनाक साबित हो रही है। मोटरसाइकिल और साइकिल सवार गिरकर घायल हो रहे हैं, वहीं पैदल चलने वालों पर कीचड़ और गंदा पानी भी उछल जाता है।सड़क पर स्थित एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल से रोजाना दर्जनों बसें, वाहन और छात्र-छात्राएं गुजरते हैं। बच्चे पैदल स्कूल आते-जाते हैं और उन्हें हर रोज इन गड्ढों और पानी से जूझना पड़ता है, जिससे अभिभावकों की चिंता भी बढ़ गई है।ग्राम प्रधान मोदी यादव ने बताया कि रिंग रोड फेज-2 के निर्माण के दौरान इस सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही हुई थी, जिससे इसकी स्थिति खराब हो गई। एक बार पहले धरना-प्रदर्शन कर सड़क का मरम्मत कार्य कराया गया था, लेकिन अब वही हालात दोबारा हो गए हैं और लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है।
स्थानीय लोगों ने विभागीय लापरवाही पर नाराजगी जताई है और तत्काल सड़क की मरम्मत की मांग की है। आए दिन हो रहे हादसों को देखते हुए लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इस सड़क की मरम्मत नहीं हुई, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है।यह सड़क न सिर्फ गांवों को शहर से जोड़ती है, बल्कि हजारों लोगों के रोजमर्रा के जीवन का अहम हिस्सा है ऐसे में प्रशासन को जल्द हस्तक्षेप करना चाहिए।