रूट कैनाल के री-ट्रीटमेंट पर विशेषज्ञों का मंथन, वाराणसी में जुटे 300 दंत चिकित्सक

 दंत चिकित्सा के क्षेत्र में नई तकनीकों और उपचार पद्धतियों की जानकारी साझा करने के उद्देश्य से एक होटल में एक दिवसीय शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। मैक्लोड़ कंपनी के तत्वावधान में इंडियन डेंटल एसोसिएशन (IDA) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण चेन्नई के सुप्रसिद्ध रूट कैनाल विशेषज्ञ डॉ. गोपीकृष्ण का व्याख्यान रहा।उन्होंने रूट कैनाल विफल होने के बाद पुनः उपचार (Re-treatment) विषय पर विस्तार से जानकारी दी। डॉ. गोपीकृष्ण ने बताया कि रूट कैनाल असफल होने के प्रमुख कारण अधूरी सफाई, बैक्टीरियल इन्फेक्शन और सीलिंग की कमी हो सकते हैं

 साथ ही उन्होंने पुनः उपचार की तकनीक, आवश्यक सावधानियाँ और दवाओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। इंडियन डेंटल एसोसियेशन वाराणसी के सचिव डॉ अमर अनुपम के सराहनीय प्रयास से इस व्याख्यान में पूर्वांचल के लगभग 300 डेंटल सर्जन शामिल हुए और नवीन जानकारी से लाभान्वित हुए।कार्यक्रम के दौरान IDA वाराणसी शाखा के सचिव डॉ. अमर अनुपम ने डॉ. गोपीकृष्ण को शॉल एवं बुके भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर IDA के कई प्रमुख पदाधिकारी और चिकित्सक मौजूद रहे।

 इनमें शाखा अध्यक्ष डॉ. राधा कटियार, नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. मनोज श्रीवास्तव, स्टेट प्रेसिडेंट डॉ. टी.पी. चतुर्वेदी, वरिष्ठ सदस्य डॉ. मुरारी शर्मा, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. C.D. द्विवेदी, डॉ. देवेंद्र चढ़ा, डॉ. अभिषेक मिश्रा, डॉ. अर्चना सैनी, डॉ. मीना सिंह सहित कई युवा दंत चिकित्सक भी सम्मिलित रहे।इसके अलावा मैक्लोड़ कंपनी के रीजनल मैनेजर श्री पंकज दुबे, रजनीश अत्री, आनंद वर्मा व उनकी टीम भी सक्रिय रूप से मौजूद रही।कार्यक्रम को सभी प्रतिभागियों ने अत्यंत ज्ञानवर्धक और उपयोगी बताया।


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