मेजर रौनक सिंह का सुबह मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। शाम उनका पार्थिव शरीर विशेष विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट लाया गया, जहाँ सेना की गार्ड ने सलामी दी। रात 8 बजे उनका पार्थिव शरीर चांदपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित आवास पर पहुंचा।तिरंगे में लिपटे लाल कफ़न को देखकर मेजर की मां रेनू और पिता शशि सिंह बेसुध हो गए। पत्नी डॉक्टर अर्चिता सिंह ने ताबूत से लिपटकर फूट-फूटकर रोया। परिजनों ने बड़ी मुश्किल से उन्हें संभाला। सैकड़ों लोग मेजर को अंतिम सलामी देने पहुंचे और भारत माता की जय तथा “रौनक अमर रहें” जैसे नारों से वीर को श्रद्धांजलि अर्पित की।मेजर रौनक सिंह एक साल से श्रीनगर के बारामूला में तैनात थे। करीब एक सप्ताह पहले उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी और उन्हें आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहाँ 19 सितंबर को उन्होंने अंतिम सांस ली।
सेना ने उनकी बीमारी की जानकारी सार्वजनिक नहीं की है।मेजर रौनक सिंह प्रतापगढ़ जिले के मूल निवासी थे और उनका परिवार चांदपुर इंडस्ट्रियल एरिया में रहता है। दो साल पहले उनकी शादी डॉक्टर अर्चिता सिंह से हुई थी। उन्हें 2023 में सेना पदक से सम्मानित किया गया था। इससे पहले नवंबर 2021 में कुलगाम में एक मुठभेड़ के दौरान उन्होंने 2 आतंकियों को ढेर किया था।चिनार कॉर्म्स ने X पर पोस्ट कर मेजर रौनक सिंह को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उन्होंने बारामूला में अपनी ड्यूटी निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। चिनार वॉरियर्स उनके साहस और बलिदान को सलाम करते हैं और शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े हैं।