नवरात्र का दूसरा दिन, काशी में उमड़ी आस्था की बयार, माँ ब्रह्मचारिणी के दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब

शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन काशी पूरी तरह माँ ब्रह्मचारिणी की भक्ति में रंगी नजर आई। गंगा किनारे स्थित दुर्गाघाट का प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा। सैकड़ों साल पुराने इस मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा और हजारों की संख्या में लोग माँ के दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माँ ब्रह्मचारिणी ब्रह्मा जी की पुत्री हैं। "ब्रह्म" का अर्थ है तप और "चारिणी" का अर्थ है आचरण करने वाली। माँ का यह स्वरूप तपस्या और साधना का प्रतीक माना जाता है। 

मान्यता है कि इनके दर्शन और पूजन से संतान सुख की प्राप्ति होती है, जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं रहती और यश-कीर्ति की प्राप्ति होती है। नवरात्र के इस खास अवसर पर मंदिर को फूलों से सजाया गया और पूरे परिसर में मंत्रोच्चार एवं जयकारों की गूंज रही। श्रद्धालु मां की आराधना कर सुख-समृद्धि और आशीर्वाद की कामना कर रहे हैं।

 

Post a Comment

Previous Post Next Post