वाराणसी में शिक्षक आंदोलन: टेट मुक्ति संयुक्त मोर्चा का प्रदर्शन

टेंट मुक्ति संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के कारण उत्पन्न शिक्षकों के अस्तित्व, मान-सम्मान एवं सेवा शर्तों में छेड़छाड़ के मुद्दों पर आरटीई अधिनियम 2017 में संशोधन की मांग करना था।वक्ताों ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के कदम से कुछ राहत मिली है, लेकिन यह कदम अधूरी है। उन्होंने टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने, इंटरमीडियट बीटीसी, उर्दू बीटीसी, सीपीएड डीपीएड योग्यता धारी शिक्षकों को टीईटी से मुक्त करने और वर्ष 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों के अधिकारों को सुरक्षित करने की मांग रखी।

शिक्षकों ने सरकार से अनुरोध किया कि आरटीई अधिनियम 2017 में संशोधन कर वर्ष 2011 से पूर्व नियुक्त सभी शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि 50-55 वर्ष की उम्र में टीईटी परीक्षा पास करना अव्यवहारिक है, जबकि उन्होंने अपनी सेवा के 15-30 वर्ष समर्पित किए हैं।ज्ञापन कार्यक्रम में चेत नारायण सिंह पूर्व शिक्षक एवं वविधाय, प्रो. जगदीश नारायण सिंह दीक्षित संयुक्त महामंत्री और वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के सदस्य की विशेष उपस्थिति रही। शिक्षकों ने कार्यालय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी परिसर से लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय तक विरोध जताया और ज्ञापन सौंपा।प्रदर्शनकारियों ने शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा, विभाग में मान-सम्मान के लिए जोरदार नारे लगाए और मुख्यमंत्री द्वारा की गई पहल की सराहना की।

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