झांसी में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पीतांबरा पीठ दर्शन के बाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में RSS और सरकार पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि RSS दंगे भड़काती है और गैर-रजिस्टर्ड संस्था होने के बावजूद करोड़ों रुपए की चंदा वसूली करती है। उन्होंने अपने बयान में छह प्रमुख बातें रखीं:RSS की चंदा वसूली और खर्च का हिसाबदिग्विजय सिंह ने पूछा कि RSS द्वारा हर विजयादशमी और गुरु पूर्णिमा पर वसूले जाने वाले करोड़ों रुपए का हिसाब कहां जाता है। उन्होंने कहा कि संघ का बैंक खाता नहीं है, और उनका एजेंडा हिंदुओं को भड़काना और संविधान के खिलाफ लोगों को तैयार करना है2. मुसलमानों की जनसंख्या पर कहा कि RSS यह दावा करती है कि मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है, जबकि सच्चाई यह है कि मुसलमानों की आबादी हिंदुओं की तुलना में तेजी से घट रही है। 2001 और 2011 की जनसंख्या रिपोर्ट इसका प्रमाण है।‘I LOVE मोहम्मद’ विवाद पर सवालदिग्विजय ने कहा कि अगर कोई ‘आई लव मोहम्मद’ कहता है, तो इसमें FIR दर्ज करने की जरूरत नहीं, ठीक वैसे ही जैसे कोई ‘आई लव राम’ या ‘आई लव महादेव’ कहता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दंगे सरकार और अफसरों की नीयत पर निर्भर हैं।4. संवेदनशील मामलों में समय पर कार्रवाईबरेली बवाल पर उन्होंने कहा कि भड़काऊ भाषण हिंदुओं में भी फैल सकता है, और संवेदनशील मामलों में सरकार को समय रहते कदम उठाने चाहिए। उन्होंने संभल बुलडोजर कार्रवाई पर भी कहा कि अवैधानिक निर्माण पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन किसी एक व्यक्ति के अपराध का परिवार पर दंड नहीं लगाया जा सकता।5. घुसपैठियों की लिस्ट स्पष्ट करेंसरकार ने घुसपैठियों की सूची जारी करने की बात कही है।
दिग्विजय ने पूछा कि किस पोलिंग बूथ पर कौन सा घुसपैठिया है, यह स्पष्ट करें। उनका कहना था कि यह सिर्फ भाजपा और अमित शाह की नजर में घुसपैठिए हैं।6. RSS की 7 करोड़ रुपए की मदद पर वित्त मंत्री का जवाब नहींकोविड काल में RSS ने दावा किया था कि उन्होंने 7 करोड़ रुपए जनता को मदद के रूप में दिए। दिग्विजय ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बारे में पत्र लिखकर जवाब मांगा, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि नॉन रजिस्टर्ड संस्था द्वारा 7 करोड़ खर्च किए जाना मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बन सकता है।दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट किया कि सरकार अगर चाहे तो कभी दंगे नहीं हो सकते, और ऐसे मामलों में प्रशासन की नीतिगत कार्रवाई और जवाबदेही जरूरी है।

