वाराणसी के कैंट इलाके स्थित मीट मार्केट में करीब 4 बजे भीषण आग लग गई। आग इतनी तेज थी कि कुछ ही मिनटों में उसने सात दुकानों और छह बाइकों को अपनी चपेट में ले लिया। बताया जा रहा है कि दुकानों के किचन में रखे छह गैस सिलेंडर एक के बाद एक धमाके के साथ फट गए, जिससे आग और भयावह हो गई। धमाकों की आवाज सुनते ही आसपास के इलाके में दहशत फैल गई और लोग घरों से बाहर निकल आए। सूचना मिलते ही कैंट थाने की पुलिस और फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।इंस्पेक्टर कैंट शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि आग के दौरान दुकानों में रखे सिलेंडर फटने से बड़ा हादसा टल गया, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। फिलहाल पुलिस आग लगने के कारणों की जांच में जुटी है।जांच में सामने आया कि दुकानों में आग से बचाव के कोई यंत्र नहीं थे और बिजली बोर्डों में एमसीवी भी नहीं लगे थे। इसके अलावा दुकानों में जर्जर वायरिंग की व्यवस्था थी। आग में पवन अग्रहरि, रसीद अहमद, इरशाद कुरैशी, रमाकांत उपाध्याय और अविनाश की दुकानें जलकर खाक हो गईं। वहीं मार्केट के पीछे बाइक मैकेनिक तहब्बर की दुकान में रिपेयरिंग के लिए खड़ी 9 से 10 बाइकें भी आग की चपेट में आ गईं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये सभी दुकानें छावनी परिषद की ओर से आवंटित की गई थीं, लेकिन परिषद प्रशासन ने कभी भी फायर सेफ्टी या बिजली सुरक्षा की जांच नहीं कराई। यह लापरवाही तब और गंभीर हो जाती है जब मार्केट के ठीक पीछे 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर मौजूद है। हालांकि, राहत की बात यह रही कि समय पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच गई और एक घंटे की मेहनत के बाद आग पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया। फिलहाल मलबा हटाने और ठंडा करने का काम जारी है।

