भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एन.एस.यू.आई.), काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें एम.एम.वी. की छात्रा प्राची सिंह की असमय मृत्यु और पूर्व में हुई छात्रा नाजुक भसीन प्रकरण में चिकित्सकीय व प्रशासनिक लापरवाही पर निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।ज्ञापन में कहा गया है कि बीएचयू परिसर में छात्राओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था में गंभीर चूक हुई है। एम.एम.वी. परिसर में प्राची सिंह की तबीयत बिगड़ने के बाद लगभग 30 मिनट तक एम्बुलेंस नहीं पहुँच सकी, जिससे छात्रा की जान चली गई। एन.एस.यू.आई. ने इसे प्रशासन की गंभीर उदासीनता और अमानवीय लापरवाही करार दिया है।ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि पूर्व में नाजुक भसीन प्रकरण में भी प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की और जाँच समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। यदि उस रिपोर्ट पर पारदर्शी समीक्षा होती तो स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार संभव था।एन.एस.यू.आई. की प्रमुख मांगें:1. नाजुक भसीन प्रकरण की जाँच समिति की रिपोर्ट तत्काल सार्वजनिक की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।2. प्राची सिंह की मृत्यु प्रकरण में उच्चस्तरीय जाँच समिति गठित कर सात दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, जिसमें अन्य विभाग के शिक्षक, छात्राएं और परिजन शामिल हों।3. एम.एम.वी. परिसर में महिला सुरक्षा हेतु महिला गार्ड, नर्सिंग स्टाफ और मेडिकल कर्मियों की चौबीसों घंटे तैनाती की जाए।4. विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा, सम्मान और स्वास्थ्य से जुड़ी शिकायतों पर प्रशासनिक उत्पीड़न या धमकाने पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
ज्ञापन में कहा गया है कि यह केवल एक छात्रा का नहीं बल्कि हर छात्रा की सुरक्षा और सम्मान का मामला है। एन.एस.यू.आई. ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं करता है तो वह विश्वविद्यालय स्तर पर लोकतांत्रिक आंदोलन करने को बाध्य होगा।ज्ञापन पर मल्लीकार्जुन खड़गे, अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और वरुण चौधरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष के नामांकित पत्रांक 48 के तहत एन.एस.यू.आई. के पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं।