जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदू समाज के धार्मिक पर्वों को बाधित करने के उद्देश्य से चुनाव प्रक्रिया की तिथियाँ निर्धारित की जा रही हैं। शंकराचार्य ने कहा कि “बिहार चुनाव की प्रक्रिया हिंदुओं के पर्व को डिस्टर्ब करने के लिए षड्यंत्र के तहत शुरू की गई है।”
उन्होंने यमुना नदी के प्रदूषित जल पर भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कहा कि “सरकारों ने नदियों को नाला बना दिया है। नदियों को गंदगी धोने का एक्सप्रेस बना दिया गया है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नदियों की शुद्धता और प्रवाह को बनाए रखे, लेकिन वह अपनी जवाबदेही निभाने में असफल हो रही है।”भोजपुरी कलाकारों के बीच हाल ही में हुए विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि भोजपुरी भाषा की अपनी विशिष्ट शब्दावली और अभिव्यक्ति है। “भोजपुरी एक समृद्ध और सम्माननीय भाषा है, इसके कुछ शब्दों के अर्थ क्षेत्रीय भिन्नता के कारण अलग-अलग हो सकते हैं। सभी भाषाओं का सम्मान किया जाना चाहिए,” उन्होंने कहा।इस अवसर पर उन्होंने समाज से भी आह्वान किया कि धार्मिक आस्था, भाषा और संस्कृति के मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठकर एकता और सम्मान की भावना बनाए रखी जाए।

