काशी में बही सुरों की गंगा, मालिनी अवस्थी की प्रस्तुति ने बांधा समा

काशी के राजघाट घाट पर चल रहे भव्य गंगा महोत्सव में लोकगायिका मालिनी अवस्थी की मधुर आवाज़ ने ऐसा जादू बिखेरा कि पूरा घाट तालियों और उत्साह से गूंज उठा। मालिनी अवस्थी ने अपनी लोक और भक्ति गायकी से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। उनके सुरों पर लोग झूम उठे, बच्चे-बुजुर्ग सभी मंत्रमुग्ध होकर गंगा तट की इस संगीतमय शाम में डूब गए। 

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा — “काशी में गाना किसी सौभाग्य से कम नहीं, यहां आने को लोग तरसते हैं। यह सब गुरु कृपा है कि गंगा मैया के सामने गाने का अवसर मिला।”गंगा की आरती की रोशनी में जब उन्होंने “गंगा मैया तोहरे पियरी चढ़इबो” जैसे गीत गाए, तो माहौल भक्ति और आनंद से भर गया। देश-विदेश से आए श्रद्धालु और पर्यटक देर रात तक लोकसंगीत के इस सुरमय पर्व का आनंद लेते रहे। वहीं अन्य प्रस्तुतियों में कथक नृत्य की कलाकारों ने प्रस्तुति दी । विधायक नीलकंठ तिवारी द्वारा कलाकारों को सम्मानित किया गया।



Post a Comment

Previous Post Next Post