महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रों का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। छात्र विभिन्न अकादमिक और व्यवस्थागत समस्याओं को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल छात्र नेताओं ने मीडिया से बातचीत में कई गंभीर मुद्दे उठाए।छात्र नेता ने बताया कि दो महीने पहले विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्रावास में "मैस" (भोजनालय) की सुविधा चालू की जाए ताकि छात्रों को नियमित और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल सके।
लेकिन राज्यपाल के निर्देशों के बावजूद अब तक किसी भी छात्रावास में मैस की व्यवस्था शुरू नहीं की गई है।छात्र नेता ने आरोप लगाया कि वाइस चांसलर से मिलने पर सिर्फ आश्वासन दे दिया जाता है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होती। प्रशासन को कई बार ज्ञापन और रिमाइंडर भेजे गए, फिर भी समस्याएँ जस की तस बनी हुई हैं।छात्रों की मुख्य मांग रिज़ल्ट में हो रही गड़बड़ियों को लेकर है। उनका कहना है कि वे पाँचवे सेमेस्टर में पहुँच चुके हैं, लेकिन दूसरे सेमेस्टर का परिणाम अभी तक जारी नहीं किया गया है। साथ ही कई छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा में उपस्थित होने के बावजूद उनके रिज़ल्ट में उन्हें एब्सेंट दिखाया जा रहा है। कुछ छात्राओं ने भी ऐसी ही शिकायतें दर्ज कराई हैं। छात्रों के अनुसार यह विश्वविद्यालय प्रशासन की "गंभीर लापरवाही" है।छात्रों ने कहा कि वे शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे हैं, लेकिन अब तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उनसे बात करने नहीं पहुँचा है। छात्रों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

