श्री काशी विश्वनाथ धाम में गूंजा शिवभक्ति का स्वर, नागपुर के ढोल-ताशा दल ने दी अद्भुत प्रस्तुति

श्री काशी विश्वनाथ धाम का वातावरण रविवार को “हर-हर महादेव” के गगनभेदी जयघोष से पूरी तरह गुंजायमान हो उठा। नागपुर स्थित “शिवगर्जना बहुउद्देशीय संस्था, ढोल-ताशा व ध्वज पथक” के 70 सदस्यीय दल ने धाम परिसर में भव्य प्रस्तुति देते हुए “शिवांजलि” अर्पित की। पारंपरिक ढोल-ताशों का ऐसा सम्मोहक नाद गूंजा कि उपस्थित श्रद्धालु दिव्य अनुभूति में खो गए।इस सांस्कृतिक दल की खास बात यह रही कि अनुभवी कलाकारों के साथ-साथ छोटी उम्र के बच्चों ने भी पूरे उत्साह, कौशल और ऊर्जा के साथ ताल-लय में वादन किया। बच्चों की दमदार प्रस्तुति ने पूरे माहौल को और अधिक जीवंत बना दिया। भक्ति, अनुशासन और परंपरा का यह अद्भुत संगम श्रद्धालुओं को भावविह्वल कर गया।

वहीं, महेश चन्द्रकान्त रेखे स्थापित वेदपाठशाला की तपःपूर्ति वर्ष स्मृति में उनके सुपुत्र देवव्रत महेश रेखे ने काशी के इतिहास में पहली बार जटिल दण्डक्रम पारायण मात्र 19 वर्ष की आयु में पूर्ण किया। गुरु-शिष्य परंपरा के प्रति उनके इस समर्पण और साधना की सभी ने सराहना की।आयोजन के समापन दिवस पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में आयोजक मंडल द्वारा विशेष सांस्कृतिक एवं संगीतमय उत्सव भी आयोजित किया गया, जिसने पूरे कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया।



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