पुरानी रंजिश को लेकर घर में घुसकर प्राणघातक हमला और छेड़खानी करने के मामले में दो सगे भाइयों को कोर्ट से राहत मिली है। विशेष न्यायाधीश (इसी एक्ट) सर्वजीत सिंह की अदालत ने राखी नेवादा, जंसा निवासी आरोपित अमरनाथ यादव और लालजी यादव को ₹50-50 हजार रुपये की दो जमानतें व बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, चंद्रबली पटेल और संदीप यादव ने पक्ष रखा।
अभियोजन के अनुसार, वादी शशिकान्त यादव ने जंसा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि 24 जून 2018 को सुबह करीब 8:30 बजे वह अपनी जमीन पर ईंट गिरवा रहे थे। उसी दौरान विपक्षीगण अमरनाथ यादव, लालजी यादव, शिवशंकर यादव, रविशंकर यादव, सुजीत यादव और सुनील यादव गाली-गलौज करते हुए लाठी-डंडों से हमला करने लगे। आवाज़ सुनकर बचाव के लिए पहुंचे उनके भाई ऋषिकान्त यादव, माता सविता देवी, पिता राजेन्द्र प्रसाद यादव, मुरली यादव और दलसिंगार यादव पर भी हमला किया गया। बताया गया कि सविता देवी जब घर के अंदर भागीं तो आरोपियों ने उनके गले की सोने की चैन छीन ली। वहीं, उनकी बहन सुषमा यादव के साथ छेड़खानी और अभद्रता की गई। मारपीट में वादी के पिता, भाई मुरली यादव और दलसिंगार यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मामले की जांच के बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। इसके बाद दोनों आरोपितों ने कोर्ट में समर्पण कर जमानत की अर्जी दी, जिस पर अदालत ने उन्हें राहत प्रदान की।

