अमेरिकी कपल भारतीय संस्कृति और वैवाहिक परंपराओं से इतना प्रभावित हुआ कि उसने दोबारा हिंदू रीति-रिवाज से विवाह करने का फैसला किया। अमेरिका के लॉस एंजिल्स निवासी जेसन मात्जनर और उनकी पत्नी लॉरेन कोजाक ने काशी के प्राचीन गौरी केदारेश्वर मंदिर में सादगी के साथ वैदिक विधि से विवाह रचाया।इस खास विवाह में मंत्र अंग्रेजी में पढ़े गए। दुल्हन लॉरेन परपल रंग की साड़ी में नजर आईं, जबकि दूल्हा जेसन कुर्ता-पायजामे में दिखाई दिए। दोनों ने मंदिर परिसर में एक-दूसरे को जयमाला पहनाई और अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेकर सात जन्मों तक साथ निभाने का संकल्प लिया।
पुजारी ने बताया कि वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार कश्यप गोत्र के आधार पर दोनों का संकल्प कराया गया। शादी के दौरान मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं ने भी नवदंपती को बधाइयां दीं।जेसन मात्जनर पेशे से गिटारिस्ट हैं, जबकि लॉरेन कोजाक मार्केटिंग एक्सपर्ट हैं। दोनों की शादी पहले ही हो चुकी थी और वे करीब 10 वर्षों से साथ हैं। जेसन ने बताया कि वह अपने माता-पिता के साथ चार बार भारत आ चुके हैं। भारतीय संस्कृति, परंपराएं और खासकर काशी की आध्यात्मिक ऊर्जा ने उनके दिल पर गहरी छाप छोड़ी है। इसके अलावा उनके पड़ोसी भी भारतीय हैं, जिनके संपर्क में आकर उन्हें भारतीय संस्कृति को और करीब से समझने का अवसर मिला।
जेसन ने कहा कि भारत और यहां की संस्कृति उन्हें एक रहस्य की तरह लगती है, जिसमें जितना गहराई से उतरें, उतना ही नया ज्ञान और अनुभव मिलता है। उन्होंने जब दोबारा हिंदू रीति से शादी का विचार लॉरेन के साथ साझा किया, तो वह भी बेहद खुश हुईं।लॉरेन कोजाक ने कहा कि भगवान शिव उनके आराध्य हैं। उन्होंने नटराज स्वरूप को अपने हाथ पर टैटू के रूप में भी बनवाया है। शादी के बाद दंपती ने मंदिर परिसर में विधि-विधान से रुद्राभिषेक किया और भगवान शिव से अपने दांपत्य जीवन के लिए आशीर्वाद मांगा।शादी संपन्न होने के बाद जेसन ने बताया कि वे अब आगरा के लिए रवाना होंगे।

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