शहर में अनियंत्रित और अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने के उद्देश्य से वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने व्यापक स्तर पर सख्त कार्रवाई की। उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा के निर्देश तथा सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा की अध्यक्षता में जोन-1, जोन-2 और जोन-3 की प्रवर्तन टीमों ने संयुक्त अभियान चलाकर करीब 64 बीघा भूमि में विकसित की जा रही अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई से अवैध कॉलोनाइजरों और भूमाफियाओं में हड़कंप मच गया।
वीडीए अधिकारियों के अनुसार, बिना लेआउट स्वीकृति के सड़क, नाली और भूखंड काटकर प्लॉट बेचे जाने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जांच के दौरान इन स्थलों पर गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। इसके बाद उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा 27 के तहत पहले नोटिस जारी किया गया और नियमानुसार कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाकर अवैध प्लाटिंग हटाई गई।जोन-1 (शिवपुर क्षेत्र) में सबसे बड़ी कार्रवाई की गई, जहां कई गांवों में बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियां विकसित की जा रही थीं। वहीं जोन-2 (सारनाथ क्षेत्र) और जोन-3 (दशाश्वमेध क्षेत्र) में भी अलग-अलग स्थानों पर अवैध निर्माण और प्लाटिंग को ध्वस्त किया गया।
कार्रवाई के दौरान अपर सचिव डॉ. गुडाकेश शर्मा, नगर नियोजक प्रभात कुमार, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता, जोनल अधिकारी, अवर अभियंता सहित पर्याप्त पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। सुरक्षा व्यवस्था के चलते कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।वीडीए ने आम नागरिकों से अपील की है कि जमीन या प्लॉट खरीदने से पहले उसका लैंडयूज आवासीय है या नहीं, इसकी जांच अवश्य करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि पहुंच मार्ग की चौड़ाई कम से कम 9 मीटर हो और प्लाटिंग केवल प्राधिकरण से स्वीकृत लेआउट पर ही की गई हो। बिना मानचित्र स्वीकृति के निर्माण करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

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