उन्नाव रेप कांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा स्थगित किए जाने के विरोध में वाराणसी में दखल संगठन के आह्वान पर महिलाओं ने काली पट्टी बांधकर प्रतिरोध मार्च निकाला। अम्बेडकर पार्क से जिला मुख्यालय तक निकाले गए इस मार्च में सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया और लैंगिक हिंसा, उत्पीड़न और बलात्कार के खिलाफ नारेबाजी की।अम्बेडकर पार्क में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए संगठन से जुड़ी एकता ने कहा कि उन्नाव रेप कांड उत्तर प्रदेश के सबसे जघन्य मामलों में से एक है, जिसने सत्ता, पुलिस और न्याय व्यवस्था की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए।
उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2017 में नाबालिग से बलात्कार, पीड़िता के परिवार पर दबाव, पिता की हिरासत में मौत और 2019 में हुए कार हादसे जैसी घटनाओं ने पूरे सिस्टम की संवेदनहीनता उजागर की।नारीवादी कार्यकर्ता स्मिता ने बताया कि वर्ष 2020 में दिल्ली की अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन हाल ही में उच्च न्यायालय द्वारा सजा स्थगित किए जाने से महिलाओं में रोष है। दखल संगठन की युवा कार्यकर्त्री जागृति राही ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में सजा स्थगन का विरोध करने का निर्णय लिया है, जिसका संगठन स्वागत करता है, लेकिन सत्ता और प्रशासन के गठजोड़ में पीड़िताओं की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है।
सभा में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की 2024 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में सबसे अधिक आरोपी सांसद-विधायक भाजपा से जुड़े हैं। वक्ताओं ने प्रज्वल रेवन्ना, बृजभूषण शरण सिंह, आशाराम, राम रहीम और आईआईटी बीएचयू गैंगरेप जैसे मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि जब आरोपी सत्ता के संरक्षण में होते हैं, तो पीड़िताओं को न्याय के लिए लंबी और पीड़ादायक लड़ाई लड़नी पड़ती है।दखल संगठन ने मांग की कि कुलदीप सिंह सेंगर को किसी भी प्रकार की राहत न दी जाए और पीड़िता व उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। कार्यक्रम का संचालन मैत्री ने किया। प्रतिरोध मार्च और सभा में नीति, जागृति राही, आर्या, टैन, एकता, सुजाता, स्मिता, प्रियंका, धनंजय, रूमान, अनूप, रवि, कृष्णा सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।

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