मोक्षदा एकादशी के पावन अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के संरक्षण में मणिराम दास छावनी में गीता जयंती पर्व बड़े उत्साह और वैदिक परंपराओं के साथ मनाया गया। इस अवसर पर 1000 से अधिक वैदिक विद्वान, बटुक ब्राह्मण और संत धर्माचार्यों ने सामूहिक रूप से गीता का सस्वर पाठ किया।कार्यक्रम में अयोध्या सहित आसपास के जिलों से भारी संख्या में संस्कृत वैदिक विद्यार्थी शामिल हुए।
आयोजन के दौरान राम मंदिर की भांति श्रीकृष्ण जन्मभूमि भी जल्द भव्य स्वरूप ले, इसके लिए विशेष प्रार्थना की गई।मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने बताया कि गीता जयंती के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म की प्रधानता का उपदेश दिया था। इसी संदेश को आत्मसात करते हुए हर वर्ष यह उत्सव भव्य रूप से आयोजित किया जाता है, जिसमें अयोध्या और पड़ोसी जनपदों के वैदिक वटुक और आचार्य एकत्रित होकर गीता पाठ करते हैं।उन्होंने आशा व्यक्त की कि गीता पाठ का शुभ प्रभाव श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भी पड़े और वहां भी शीघ्र ही भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की तरह उत्सव का वातावरण निर्मित हो।

