सोनारपुरा केदारघाट रोड स्थित श्री चिन्तामणि गणेश मंदिर प्रांगण में संतहृदय महंत स्व. पं. चल्लाकृष्णा शास्त्री जी की पुण्य स्मृति में सप्तदिवसीय संगीतमय “रामचरितमानस” रामकथा का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संगीतमय गणेश वंदना के साथ हुआ।
इस अवसर पर मंदिर के महंत चल्ला सुब्बाराव शास्त्री ने कथावाचक नीलमणि शास्त्री एवं लक्ष्मीमणि शास्त्री तथा मुख्य अतिथि अन्नपूर्णा मंदिर के महंत भगवान पुरी महाराज का अंगवस्त्र एवं माला पहनाकर स्वागत-सम्मान किया।कथावाचक ने श्रीरामचरितमानस श्रवण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि काशी में गंगा तट पर रामकथा का श्रवण करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने रामभक्ति, मर्यादा और जीवन मूल्यों पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम में श्रृंगेरी मठ के महंत चल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद, श्री चिंतामणि गणेश मंदिर के उपमहंत पं. चल्ला अभिराम शास्त्री सहित अन्य संत-महात्माओं ने भी अपने विचार साझा किए। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति से कथा स्थल भक्तिमय वातावरण में सराबोर रहा।

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