संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन रात करीब 12.30 बजे राज्यसभा से VB-G RAM G बिल ध्वनिमत से पास हो गया। बिल पर बहस के दौरान विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया और इसे सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की। मांग पूरी न होने पर विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष की गैरमौजूदगी में बिल को पारित कर दिया गया।बिल के विरोध में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर रातभर धरना प्रदर्शन किया। TMC सांसदों का आरोप है कि यह बिल महात्मा गांधी का अपमान है और किसानों व गरीबों के हितों के खिलाफ है।
इस पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि विपक्ष गंभीर और सार्थक बहस करेगा, लेकिन केवल बेवजह के आरोप लगाए गए। उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा का नाम पहले महात्मा गांधी के नाम पर नहीं था, यह पहले नरेगा था। वर्ष 2009 के चुनाव के दौरान वोटों के लिए इसमें महात्मा गांधी का नाम जोड़ा गया।वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिल का विरोध करते हुए कहा था कि वह अपनी मां और भारत मां की कसम खाकर कहते हैं कि यह बिल गरीबों की भलाई के लिए नहीं है।इससे पहले बुधवार को लोकसभा में यह बिल करीब 14 घंटे की लंबी बहस के बाद ध्वनिमत से पारित हुआ था।
शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन संसद के दोनों सदन बिना कोई अन्य कार्यवाही किए अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए गए। शुक्रवार सुबह भी TMC सांसद VB-G RAM G बिल 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते नजर आए।इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार अपनी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर ही रखेगी।सत्र की उत्पादकता रिकॉर्ड स्तर पर 1 दिसंबर से 20 दिसंबर तक चले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा की उत्पादकता 121% और लोकसभा की 111% रही। समापन भाषण में राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने बताया कि इस सत्र में जीरो आवर नोटिस की संख्या अब तक की सबसे अधिक रही। हर दिन औसतन 84 नोटिस प्राप्त हुए, जो पिछले सत्रों की तुलना में 31% अधिक हैं।

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