काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) परिसर में RSS भवन संचालन को लेकर वाराणसी न्यायालय में सुनवाई हुई। इस मामले में अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी। वादी प्रमील पांडे ने आरोप लगाया कि 1976 में आपातकाल के दौरान RSS भवन को तोड़ दिया गया था और गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी।
बीएचयू के अधिवक्ता ने कुलपति का नाम प्रतिवादी की सूची से हटाने का आवेदन दिया है। साथ ही 4 दिसंबर को दिए गए आदेश को वापस लेने के लिए भी आवेदन दायर किया गया है।
प्रमील पांडे ने दावा किया कि महामना पं. मदन मोहन मालवीय की पहल पर 1937 में RSS की शाखा प्रारंभ हुई थी और संघ भवन का निर्माण कराया गया था। जिसे 1976 में रातों रात ध्वस्त कर दिया गया था।
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